रांची: मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाली एक्टिविस्ट व दिया सेवा संस्थान की सचिव सीता स्वांसी पर गंभीर आरोप लगा है। इस संबंध में बरियातू थाने में FIR भी दर्ज कराई गई है।
यह एफआईआर उनके छोटे बेटे के खिलाफ भी है। पुलिस ने बच्ची के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
यह है मामला
दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि पढ़ाई-लिखाई के नाम पर बच्ची को दिया सेवा संस्थान के हॉस्टल में रखा गया था। बच्ची के दो भाई को भी उसी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई-लिखाई के नाम पर लोहरदगा से लाकर रखा गया था।
लेकिन उस बच्ची को घरेलू काम में भी लगाकर रखा गया। बताया है कि हॉस्टल में रहकर पढ़ाई लिखाई के नाम पर उसके माता-पिता सीता स्वांसी की संस्थान दिया सेवा संस्था में रखकर गुजरात चले गए।
बच्ची ने बताया कि संस्था में रहने के दौरान कभी कभी स्टाफ द्वारा पढ़ाई करवाई जाती थी।
लेकिन ज्यादातर घरेलू काम जैसे किचन की साफ सफाई, बर्तन धोना, खाना बनाना सहित अन्य काम में लगा रखा था। इसके बावजूद दोपहर में भरपेट खाना नहीं मिलता था। हमेशा प्रताड़ित किया जाता था।
दोबारा दीया सेवा संस्थान नहीं जाना चाहती बच्ची
पीड़िता ने बताया है कि पिछले चार-पांच महीने पहले सीता स्वांसी के छोटे बेटे ने छेड़छाड़ की।
इस तरह वह हमेशा छेड़छाड़ करता था। इस बीच सीता के बेटे को थप्पड़ मारकर वह घर से निकल गई और कुछ लोगों के सहयोग से प्रेमाश्रय पहुंच गई।
प्रेम आश्रय में ही बच्ची का बयान दर्ज हुआ। बच्ची ने कहा है कि वह अब दीया सेवा संस्थान नहीं जाना चाहती है।