इस्लामाबाद : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद से इमरान खान को हटाने के पीछे एक प्रमुख कारण माना जाता है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी मंत्रालय नहीं लेगी। द न्यूज ने यह जानकारी दी।
शनिवार को संसद भवन में संक्षिप्त प्रेस वार्ता में आसिफ जरदारी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पहले उनके दोस्तों को जगह दी जाए।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह सारा बोझ शहबाज शरीफ पर डालना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। हम चाहते हैं कि दोस्तों को मौका दिया जाए।
वहीं, पीपीपी ने आगामी आम चुनाव के लिए नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं के उम्मीदवारों से भी आवेदन मांगे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जरदारी की प्रेस वार्ता के बाद पीपीपी के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी टिप्पणी पर सफाई देनी शुरू की और कहा कि उनका यह मतलब नहीं है कि पीपीपी कैबिनेट में शामिल नहीं हो रही है।
पीएमएल-एन के साथ बैठक में कैबिनेट के लिए नामों को अंतिम रूप दिया था
पीपीपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पीपीपी गठबंधन सहयोगियों के साथ किए गए वादों और समझौतों को पूरा करना चाहती है, तो वह कैबिनेट में शामिल होगी।
सूत्रों ने कहा कि पीपीपी ने पीएमएल-एन के साथ बैठक में कैबिनेट के लिए नामों को अंतिम रूप दिया था।
सूत्रों ने गुरुवार को जियो न्यूज को बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने संघीय मंत्रिमंडल में 12 पीएमएल-एन सांसदों को जोड़ने का फैसला किया है, जबकि पीपीपी को सात स्लॉट मिलेंगे।
पीएम शहबाज ने 11 अप्रैल को इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से हटाने के बाद प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जिससे वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से हटाए जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए।