मुंबई: केरल में तेजी से प्रसार के बाद अब महाराष्ट्र के पुणे जिले में जीका वायरस से संक्रमित एक मामला सामने आया है, लेकिन इलाज के बाद यह संक्रमित पूरी तरह से ठीक होकर घर भी लौट चुका है। यह जानकारी राज्य के स्वाथ्य सर्वे अधिकारी डॉ. प्रदीप आवटे ने दी है।
डॉ. आवटे ने रविवार को बताया कि पुणे जिले के पुरंदर तहसील के ग्राम बेलसर की निवासी 50 वर्षीय महिला जीका वायरस से संक्रमित पाई गई थी।
वह महिला चिकनगुनिया से भी पीड़ित थी। उसके रक्त के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए थे।
संक्रमित महिला पूरी तरह स्वस्थ्य होकर घर लौट चुकी है और उसके परिवार के लोगों में किसी को जीका वायरस के लक्षण नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि जीका वायरस को लेकर राज्य का स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। इसकी रोकथाम के इंतजाम किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 27 से 29 जुलाई तक राज्य के कई गांवों का दौरा कर 41 लोगों के सैंपल एकत्रित किए थे, जिसमें सिर्फ एक व्यक्ति में जीका वायरस की पुष्टि हुई। जबकि 25 लोग चिकनगुनिया और 03 लोग डेंगू से पीड़ित मिले थे।
जीका वायरस एडीज इजिप्टी नाम के मच्छर से फैलता है, जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं।
जीका वायरस की तुरंत पहचान थोड़ी मुश्किल होती है क्योंकि इसके लक्षण सटीकता के साथ अब तक सामने नहीं आए हैं।
केरल में जीका वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है। महाराष्ट्र से पहले इस वर्ष सिर्फ केरल में ही जीका वायरस के मामले सामने आए हैं।
उल्लेखनीय है कि जीका वायरस का पहला मामला 1940 में युगांडा में मिला था लेकिन इसके बाद जीका वायरस ने अफ्रीका में अपने पैर पसार लिए। दक्षिण प्रशांत और एशिया के कुछ देशों से होते हुए यह वायरस लैटिन अमेरिका तक पहुंच गया।
कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि जीका वायरस वर्ष 2014 के फुटबॉल वर्ल्ड कप के दौरान एशिया और दक्षिण प्रशांत की तरफ से आया होगा। हालांकि इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी है।