नई दिल्ली: Arunachal Pradesh (अरुणाचल प्रदेश) के अपर सियांग जिले में पिछले सप्ताह क्रैश हुए सेना के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) रुद्र की प्राथमिक जांच में इंजन की खराबी का पता चला है।
इसके बाद एहतियात के तौर पर देश के सभी 300 से अधिक ALH (Advanced Light Helicopters Banned ) की उड़ान पर रोक लगा दी गई है।
सुरक्षा जांच पूरी होने पर दो दिनों के बाद फिर से इनके उड़ान भरने की उम्मीद है। इस दुर्घटना में मारे गए दोनों पायलटों समेत सभी 5 लोगों के शव पहले ही बरामद किए जा चुके हैं।
अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में 21 अक्टूबर को भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर रूद्र ने लिकाबली से उड़ान भरी थी, लेकिन टूटिंग हेडक्वार्टर से 25 किमी. दूर सिंगिंग गांव के पास क्रैश हो गया है।
इसमें 2 पायलट समेत 5 लोग सवार थे, जिन्हें खोजने के लिए सेना के दो एएलएच और वायु सेना के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
दुर्घटनाग्रस्त अटैक हेलीकॉप्टर ध्रुव का वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड (WSI) MK-IV संस्करण है। घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए थे।
सभी हेलीकॉप्टरों के इंजनों के अलावा अन्य तकनीकी जांच की जाएगी
इस हेलीकॉप्टर में दो पायलटों के अलावा तीन अन्य लोग भी सवार थे। सभी लोगों के शव दो दिन के भीतर दुर्घटनास्थल से बरामद कर लिए गए थे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हेलीकॉप्टर दुर्घटना की प्राथमिक जांच में इंजन संबंधी समस्याओं के कारण यह हादसा होने की संभावना जताई गई है।
हालांकि, हथियारयुक्त उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) के दुर्घटनाग्रस्त होने के सटीक कारणों का निर्धारण कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (COI) करेगी।
इस बीच, तीनों सेनाओं और भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में शामिल सभी 300 से अधिक ALH की उड़ान को एहतियात के तौर पर सुरक्षा जांच के लिए रोक दिया गया है।
दो दिनों में जांच पूरी होने के बाद ही फिर से उड़ान भरने की अनुमति मिलने की उम्मीद है। सभी हेलीकॉप्टरों के इंजनों के अलावा अन्य तकनीकी जांच की जाएगी।
पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को तकनीकी या यांत्रिक खराबी की जानकारी दी थी
इस प्रक्रिया से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पूरी तरह से एहतियाती कदम है और बड़ी दुर्घटना की स्थिति में ऐसा किया जाता है।
सूत्रों से पता चला है कि सेना की जांच शनिवार तक, जबकि वायुसेना की जांच शुक्रवार तक पूरी होने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने घटना पर एक बयान में कहा कि उड़ान से पहले हेलीकॉप्टर संचालन (Helicopter operations) के लिए मौसम अच्छा बताया गया था, लेकिन दुर्घटना से तत्काल पहले पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को तकनीकी या यांत्रिक खराबी की जानकारी दी थी।
प्रवक्ता ने कहा कि इस पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court Of Inquiry) का फोकस होगा, जिसे दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए तुरंत गठित किया गया था।
तीनों सेनाओं और भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के बेड़े में शामिल लगभग 300 एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) विभिन्न प्रकार की उड़ान भर रहे हैं जिनमें मार्क-1, मार्क-2, मार्क-3 और मार्क-4 शामिल हैं, जिन्हें रुद्र वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड (डब्ल्यूएसआई) भी कहा जाता है।
भारतीय सेना के 75 हेलीकॉप्टर जून, 2021 तक सेवा में हैं
पिछले हफ्ते क्रैश हुआ एएलएच डब्ल्यूएसआई वेरिएंट (ALH WSI Variants) था। सेना 145 से अधिक स्वदेशी HAL संचालित करती है, जिनमें से 75 रुद्र हथियारयुक्त संस्करण हैं। अन्य 25 ALH मार्क-3 ऑर्डर पर हैं, जो दो साल के भीतर शामिल किए जाएंगे।
दुर्घटना में मारे गए दोनों पायलटों को संयुक्त रूप से एएलएच WSI वेरिएंट पर 600 घंटे से अधिक उड़ान भरने का अनुभव था।
दुर्घटनाग्रस्त हुए ALH WSI को जून, 2015 में सेवा में शामिल किया गया था। एचएएल रुद्र को ALH-WSI के नाम से भी जाना जाता है, HAL ध्रुव उपयोगिता हेलीकॉप्टर का एक सशस्त्र संस्करण है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) ने डिजाइन और निर्मित किया है।
भारतीय सेना के 75 हेलीकॉप्टर जून, 2021 तक सेवा में हैं और 25 अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए Order दिया जा चुका है।