चेंज होते वेदर में Flu से लोगों की सेहत पर पढ़ रहा नकारात्मक असर, मौत का….

अध्ययन में सामने आया कि संक्रमण के 18 महीनों के बाद मरीज फिर चाहे वह Corona या फिर फ्लू की वजह से अस्पताल में भर्ती हुआ हो, उस मौत का खतरा, अस्पताल में दोबारा भर्ती होने का खतरा और कई अंगों से जुड़ी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है।

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Weather Report: बदलते मौसम में Flu के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले लोग लंबे समय तक पीड़ित रहते हैं। उनके स्वास्थ्य पर नकरात्मक प्रभाव (Negative Effects on Health) होते हैं, विशेष रूप से उनके फेफड़े और श्वसन मार्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे दीर्घकालिक COVID के प्रभाव किसी पीड़ित के शरीर पर दिखाई देते हैं।

एक अध्ययन में इसकी जानकारी दी गई है। ‘द लैंसेट इंफेक्शस डिजीज  (The Lancet Infectious Diseases) पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में कोविड और फ्लू (Covid and Flu) का कारण बनने वाले Virus की तुलना की गई है।

चेंज होते वेदर में Flu से लोगों की सेहत पर पढ़ रहा नकारात्मक असर, मौत का…. - In the changing weather, flu is having negative impact on people's health, leading to death.

अंगों से जुड़ी समस्याओं का खतरा ज्यादा

अध्ययन में सामने आया कि संक्रमण के 18 महीनों के बाद मरीज फिर चाहे वह Corona या फिर Flu की वजह से अस्पताल में भर्ती हुआ हो, उस मौत का खतरा, अस्पताल में दोबारा भर्ती होने का खतरा और कई अंगों से जुड़ी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है।

चेंज होते वेदर में Flu से लोगों की सेहत पर पढ़ रहा नकारात्मक असर, मौत का…. - In the changing weather, flu is having negative impact on people's health, leading to death.

यह अध्ययन COVID या Flu के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाली लोगों की मौत के बढ़े हुए आंकड़ों और खराब स्वास्थ्य की बात करता है। उन्होंने कहा, इस बात का खास ख्याल रखने की जरूरत है कि संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के बाद खतरा सबसे ज्यादा होता है।

बहुत से लोग सोचते हैं कि अस्पताल से छुट्टी होने के बाद वे COVID-19 और Flu जैसी बीमारी से उबर चुके हैं। कुछ लोगों के लिए यह सही हो सकता है लेकिन हमारा अध्ययन दर्शाता है कि दोनों वायरस (Virus) लंबे समय तक शरीर में बने रह सकते हैं।