नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण परिवर्तनकारी और न्यायसंगत रिकवरी के लिए नीतिगत कार्रवाइयों पर चर्चा करने के लिए इतालवी प्रेसीडेंसी के तहत पहले जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की बैठक में वर्चुअली शामिल हुईं।
एजेंडा में अन्य मुद्दों में वैश्विक आर्थिक ²ष्टिकोण, वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे, वित्तीय समावेशन और स्थायी वित्त शामिल थे।
सीतारमण ने कोविड महामारी को लेकर भारत की नीति के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि भारत की घरेलू नीतियां मोटे तौर पर नागरिकों को समर्थन देने, क्रेडिट गारंटी, प्रत्यक्ष हस्तांतरण, खाद्य गारंटी, आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज और संरचनात्मक सुधार में तेजी लाने जैसे उपायों पर आधारित हैं।
उन्होंने भारत के टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में भी बताया, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी टीकाकरण अभियान है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत ने कई देशों को वैक्सीन सहायता प्रदान की है।
इस बैठक के दौरान जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों ने वैश्विक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के निहितार्थ पर भी चर्चा की।
जलवायु जोखिम और पर्यावरण कराधान पर व्यवस्थित नीतिगत संवाद करने के प्रेसीडेंसी के प्रस्ताव पर सीतारमण ने सुझाव दिया कि ये बातचीत पेरिस समझौते के दायरे में रहनी चाहिए और आम लेकिन विभेदित जिम्मेदारी, संबंधित क्षमता और प्रतिबद्धताओं की स्वैच्छिक प्रकृति के सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए।