रांची: रांची स्मार्ट सिटी में प्रस्तावित मंत्रियों के 12 बंगले एवं परिसर पूरी तरह वास्तु और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बनाये जायेंगे।
एक बंगला लगभग 1000 वर्ग मीटर अथवा 7 से 9 हजार वर्ग फीट का हो सकता है।
बंगला एवं परिसर के निर्माण से संबंधित विस्तृत कार्य प्रतिवेदन (डीपीआर) बनाने के लिए परामर्शी कंपनियों ने गुरूवार को पुनः प्रस्तुतिकरण किया।
यह प्रस्तुतिकरण जुडको के सभागार में किया गया।
जल्द ही डिजायन को स्वीकृत कर डीपीआर बनाने का कार्यादेश दे दिया जायेगा।
दिल्ली की मास एन वायड डिजायन कंस्लटेंट्स और शिवाा कंस्लटेंसी तथा रांची की कंपनी संतोया शेखर ने लगभग सात एकड़ में बनने वाले मंत्रियों के 12 बंगले और संपूर्ण परिसर का प्रारूप के डिजायन का प्रस्तुतिकरण किया।
सभी ने बंगलों पर्याप्त धूप, सुरक्षा , गोपनियता एवं पर्यावरण का ध्यान अपनी डिजायन में रखा है।
गुरूवार को प्रस्तुतिकरण में तीन कंपनियों ने हिस्सा लिया। विगत 18 दिसंबर को हुये प्रस्तुतिकरण को अपरिहार्य कारणों से रद कर दिया गया था।
प्रत्येक बंगलों का फ्रंट साइड पूरब की ओर रखा गया है।
बंगलो का अधिकांश हिस्सा पूर्वोत्तर दिशा में दर्शाया गया है ताकि बंगलों पर पर्याप्त मा़त्रा में प्रकाश रहे।
बाथरूम , किचेन, कार्यालय , प्रतीक्षा कक्ष तथा शयन कक्ष पूरी तरह वास्तु की दृष्टि से प्रस्तावित किया गया है।
प्रत्येक बंगले में चार से पांच बेड रूम रहेंगे। ग्राउंड फ्लोर पर दो बेड रूम, प्रतीक्षालय, मंत्री का बैठक कक्ष, दो शौचालय, एक छोटा पेंट्री रूम, गार्ड रूम, एक डायनिंग कम कांफ्रेस हाल की व्यवस्था रहेगी।
सामने एक छोटा पार्क भी रहेगा। सभी बेड रूम में बालकनी रहेगी।
प्रथम तल पर बेड तीन बेड रूम रहेगा, जिसमें एक मास्टर बेड रूम शामिल है।
बंगले की लागत 2.50 करोड़ से लेकर 2.70 करोड़ के आसपास आयेगी।
पूरे परिसर का विकास लगभग 50 करोड़ रुपये में हो सकता है।
एवं संपूर्ण परिसर के निर्माण में पर्यावरण एवं हरियाली का पूरा प्रावधान रखा गया है।
परिसर में पार्क एवं वृक्षारोपण के अलावा अलग अलग हर बंगलो में एक पार्क एवं लैंड स्केपिंग का प्रावधान रखा जा रहा है।
बंगलों डुपलेक्स के प्रारूप पर बनाया जायेगा। आवास के आगे एवं पीछे दोनों तरफ हरियाली का प्रावधान किया जायेगा। परिसर में फुटपाथ, साइकिल पथ एवं सड़क रहेगा।
योगा पार्क एवं कामन जिम का भी प्रावधान रहेगा। हर बंगले को वास्तु के नियमों के तहत डिजायन किया जायेगा।
इसमे आवश्यकतानुसार परिवर्तन भी किया जा सकेगा।
जुडको के परियोजना निदेशक (तकनीकी) रमेश कुमार, नगर विकास विभाग के संयुक्त सचिव केके मिश्रा, परियोजना निदेशक (प्रशासन) अमरेंद्र कुमार, मुख्य अभियंता तकनीकी कोषांग नगर विकास राजदेव सिंह, जुडको के महाप्रबंधक (लोक निर्माण) वीरेंद्र कुमार की समिति ने बंगलो एवं परिसर का प्रस्तुतिकरण देखा।