नई दिल्ली: भारत का ईवी मार्केट अमेरिका की फोर्ड इंडिया और टेस्ला (Tesla) कंपनी को नही भा रहा है।
ये दोनों कंपनियां भारत को तगडा झटका देने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के लिए अमरीकी कंपनी फोर्ड इंडिया समेत 20 कंपनियों को चुना था, लेकिन फोर्ड कंपनी अपना आवेदन वापस लेने पर विचार कर रही है।
दूसरी ओर दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी टेस्ला भी भारत से किनारा करने की तैयारी में है। कंपनी ने इंडोनेशिया में निर्माण हब बनाने का फैसला किया है।
फोर्ड मोटर कंपनी ने भारत में ईवी बनाने वाली की अपनी योजना को ड्राप कर दिया है। कंपनी की योजना पिछले साल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए नया प्लांट लगाने की थी। लेकिन अब उसने भारत में निवेश नहीं करने का फैसला किया है।
मस्क और भारत सरकार के बीच तनातनी बनी हुई है
जानकारों के मुताबिक वॉल्यूम प्रोजेक्शन और इंटरनल टारगेट पूरा नहीं हो पाने की वजह से कंपनी को यह बिजनस के लिहाज से अनुकूल नहीं लग रहा था।
ऐसे में प्लान को ड्रॉप करने का फैसला किया गया। फोर्ड गुजरात के साणंद और चेन्नई में स्थित फैक्ट्रियों को बंद करने की योजना को आगे बढ़ा सकती है।
इन दोनों प्लांट्स में प्रोडक्शन पहले से ही बंद है। सूत्रों के मुताबिक साणंद प्लांट की बिक्री को उसकी टाटा मोटर्स के साथ बातचीत चल रही है।
दूसरी ओर, चेन्नई फैक्ट्री के लिए अलग-अलग कंपनियां दांव लगा रही हैं। कंपनी ने कहा कि सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद हमने किसी भी भारतीय प्लांट में ईवी बनाने की योजना को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।
पीएलआई योजना के तहत हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करने और सपोर्ट के लिए भारत सरकार का धन्यवाद। टैक्स में छूट की मांग को लेकर मस्क और भारत सरकार के बीच तनातनी बनी हुई है।
2020 में भारत का ईवी मार्केट पांच बिलियन अमरीकी डॉलर था
इस बीच खबर आई है कि टेस्ला ने इंडोनेशिया में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का फैसला किया है। इस सिलसिले में मस्क जल्दी ही इंडोनेशिया के राष्ट्रपति से मिलने की तैयारी में हैं।
कंपनी ने वहां जमीन तलाशनी भी शुरू कर दी है। भारत सरकार चाहती है कि टेस्ला भारत में कारें बनाएं लेकिन मस्क पहले आयातित कारें बेचकर भारतीय बाजार की थाह लेना चाहते हैं। वह कई बार कह चुके हैं कि भारत में इंपोर्ट टैक्स दुनिया में सबसे ज्यादा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में भारत का ईवी मार्केट पांच बिलियन अमरीकी डॉलर था।
साथ ही 2021-2026 के दौरान इसमें 44 फीसदी से अधिक की सीएजीआर दर्ज करते हुए 47 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमत से लोग तेजी से ईवी का रुख कर रहे हैं।