PIL to remove CM Arvind Kejriwal : केजरीवाल (Kejriwal) को मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद से हटाने को लेकर दाखिल PIL पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक संदीप कुमार (Sandeep Kumar) को कड़ी फटकार लगाई है।
कोर्ट ने इस याचिका को ट्रांसफर कर दिया, लेकिन साथ ही कहा कि ‘ये पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL ) न होकर ‘पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है।
कोर्ट ने साथ ही याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाकर याचिका को लोकप्रियता हासिल करने के उद्देश्य से लगाई याचिका बताकर कहा, ‘आप पर भारी जुर्माना (Fine) लगना चाहिए।
बता दें कि AAP के पूर्व विधायक कुमार ने पार्टी नेता केजरीवाल को उनकी गिरफ्तारी के बाद Delhi के मुख्यमंत्री पद (CM post) से हटाने का अनुरोध कर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high Court) का रुख किया था।
याचिका में पूर्व विधायक कुमार ने कहा है कि दिल्ली के लिए अब रद्द की गई आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया है और वे संविधान के तहत मुख्यमंत्री के कार्यों को करने में ‘अक्षमता’ महसूस कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि AAP नेता की ‘अनुपलब्धता’ संवैधानिक तंत्र को जटिल बनाती है और वह संविधान के निर्देश के अनुसार जेल से कभी भी मुख्यमंत्री (Chief minister) के रूप में कार्य नहीं कर सकते हैं।
याचिका में कहा गया, ‘संविधान का अनुच्छेद 239 एए(4) उपराज्यपाल को उनके उन कार्यों को करने में सहायता और सलाह देने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद का प्रावधान करता है जिनके संबंध में विधानसभा के पास कानून बनाने की शक्ति है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने 4 अप्रैल को मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि मुख्यमंत्री बने रहना केजरीवाल की व्यक्तिगत इच्छा है।