नई दिल्ली : बिहार और झारखंड के पूर्व राज्यपाल एमराम जोइस का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
88 वर्ष के पूर्व राज्यसभा सांसद और न्यायविद जोइस का निधन आयु संबंधी बीमारियों से हुआ। उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी काम किया था।
27 जुलाई 1932 को शिवमोग्गा में जन्मे, मंदागद्दे राम जोइस ने बीए और लॉ की डिग्री हासिल की।
उन्होंने शिवमोग्गा और बेंगलुरु में पढ़ाई पूरी की। कुवेम्पु विश्वविद्यालय ने एमराम जोइस को डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
वे शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। उनके दो बच्चे और तीन पोते हैं। उनके बेटे एमआर शैलेंद्र और बेटी एमआर तारा बेंगलुरु में वकील हैं।
उन्होंने 1959 में एक वकील के रूप में दाखिला लिया और एस के वेंकटरांगा अयंगर के चैंबर में थे। उन्हें 1977 में कर्नाटक उहाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
उन्हें मई 1992 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह अंग्रेजी और कन्नड़ दोनों भाषाओं में एक प्रतिष्ठित लेखक थे।
उन्होंने कानून से जुड़ी कई किताबें लिखी थीं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने निधन पर दुख व्यक्त किया। येदियुरप्पा ने ट्वीट करके कहा, ‘सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री राम जोस के निधन से गहरा दुःख हुआ।
उन्होंने राज्यपाल और राज्यसभा सांसद के रूप में भी काम किया था। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह उनके परिवार को नुकसान सहने की शक्ति दे।
भगवान उसकी आत्मा को शांति दे। ओम शांति। निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने एक ट्वीट में कहा।