नई दिल्ली: सीबीआई ने शुक्रवार को दावा किया कि जिस ईमेल आईडी के जरिए ‘रहस्यमयी योगी’ ने एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं सीईओ चित्रा रामकृष्ण का मार्गदर्शन किया था, उसे कथित तौर पर उनके पसंदीदा समूह परिचालन अधिकारी (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम ने बनाया था। सीबीआई के इस बयान के साथ ही इस रहस्यमयी योगी के राज पर से पर्दा उठ गया है।
जांच एजेंसी ने शुक्रवार को विशेष सीबीआई अदालत को बताया कि सीबीआई नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की सीईओ रामकृष्ण और जीओओ सुब्रमण्यम की कर चोरों के पनाहगाह देश सेशल्स की यात्रा की भी जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि कथित रूप से सुब्रमण्यम द्वारा बनाई गई ईमेल आईडी रीगयाजुरसमा ऐट आउटलुक डॉट कॉम का उपयोग वह खुद कर रहा था या कोई अन्य उसका इस्तेमाल कर रहा था, सीबीआई अब इसकी जांच कर रही है।
फॉरेंसिक ऑडिट में शुरुआत में सुब्रमण्यम को कथित रूप से ‘योगी’ कहा गया था, लेकिन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में इस दावे को खारिज कर दिया था।
सीबीआई ने शुक्रवार को विशेष अदालत को बताया कि सुब्रमण्यम ही योगी है, जिसका उसके (सुब्रमण्यम) वकील ने विरोध किया।सीबीआई ने विशेष अदालत से यह भी कहा है कि सुब्रमण्यम की सेशल्स की यात्रा की जांच-पड़ताल की जा रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का मानना है कि यह कोई सामान्य सैर-सपाटे के लिए की गई यात्रा नहीं थी और इसकी गहन जांच करने की जरूरत है।
सेबी ने 11 फरवरी को रामकृष्ण और अन्य पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सुब्रमण्यम को मुख्य रणनीतिक सलाहकार नियुक्त करने और उन्हें समूह परिचालन अधिकारी तथा प्रबंध निदेश का सलाहकार बनाने में शासन संबंधी चूक की।
सेबी ने अपनी रिपोर्ट में, रामकृष्ण के उस रहस्यमयी योगी के साथ ईमेल बातचीत का भी जिक्र किया था जिसके सुब्रमण्यम होने का संदेह है। ईमेल में सेशल्स की यात्रा का जिक्र था।
सेबी ने कहा, ‘‘अज्ञात व्यक्ति ने 17 फरवरी 2015 को रामकृष्ण को लिखा था…बैग तैयार रखिये, मैं अगले महीने सेशल्स की यात्रा की योजना बना रहा हूं, कोशिश करूंगा कि आप मेरे साथ चलें…। ’’
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी इस बीच, रामकृष्ण और रीगयाजुरसमा ऐट आउटलुक डॉट कॉम के बीच ईमेल के आदान-प्रदान को हासिल करने की कोशिश कर रही है।
सीबीआई की जांच में यह समझा जा रहा है कि सुब्रमण्यम ने यह ईमेल आईडी योगी के तौर पर रामकृष्ण से संवाद करने के लिए बनाई थी।
सीबीआई के माइक्रोसॉफ्ट से संपर्क करने की संभावना है ताकि इन ईमेल को हासिल कर तस्वीर साफ हो सके।