लीमा: पेरू (Peru) में चल रहा राजनीतिक संकट (Political Crisis) अब हिंसक (Violent) हो उठा है। देश में आपातकाल (Emergency) लगाए जाने की घोषणा के बाद अब पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो (Pedro Castillo) को जेल भेज दिया गया है। इस बीच देश में जारी हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
राजनीतिक संकट के बीच सात दिसंबर को तत्कालीन राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को हटा दिया गया था। उनके हटाए जाने के बाद देश में हिंसक घटनाएं बढ़ गई हैं।
सड़क पर उतरे कैस्टिलो समर्थक लगातार पुलिस से भिड़ रहे हैं। पुलिस व कैस्टिलो समर्थकों के बीच हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
पुलिस ने हिंसा भड़काने के लिए पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को जिम्मेदार मानकर गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है। इसके बाद पेरू के सर्वोच्च न्यायालय ने कैस्टिलो को 18 माह के लिए जेल भेजने का आदेश दिया है।
उन पर देश में उन पर देश में विद्रोह भड़काने (Inciting Rebellion) व साजिश (Conspiracy) रचने के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा।
कैस्टिलो की गिरफ्तारी के बाद पेरू में अशांति
पेरू के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश कार्लोस चेकले (Carlos Checkle) ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को जेल भेजने का आदेश जारी किया।
उन्हें 18 माह तक न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में रखने के आदेश जारी किए गए हैं। इससे पहले पेरू की राजधानी लीमा स्थित अभियोजन कार्यालय ने कोर्ट से मुकदमे के दौरान पेड्रो कैस्टिलो को 18 महीने तक हिरासत में रखने का अनुरोध किया था।
कैस्टिलो की गिरफ्तारी के बाद पेरू में अशांति फैल गई थी। उनके समर्थकों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन (Massive Protests) शुरू कर दिए थे।
इसे देखते हुए कैस्टिलो के स्थान पर राष्ट्रपति बनीं डिना बोलुआर्ते (Dina Boluarte) ने देश में 30 दिन के लिए आपातकाल लगा दिया। हड़ताल व आंदोलन के कारण पेरू को रोजाना 2.60 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पेरू की नई राष्ट्रपति ने आंदोलनकारियों (Agitators) से बातचीत की अपील की है। उन्होंने कहा है कि देश की नई सरकार शांति (Peace), सद्भाव (Harmony) और भाईचारे (Brotherhood) के साथ रहते हुए देश की जरूरतों और लक्ष्यों का पाना चाहती है।