रांची: माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि केंद्रीय बजट में झारखंड की अवहेलना की गयी है।
केंद्र सरकार ने कई योजनाओं में राज्य के मद में कटौती की। सिर्फ मनरेगा की बात करें तो यहां 30 से 35 प्रतिशत की कटौती देखी जा रही है। इससे राज्य पूरी तरह प्रभावित होगा। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है।
लेकिन केंद्र सरकार ने बजट में इसका कहीं भी जिक्र नहीं किया। करात गुरुवार को माकपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि दिसंबर में 1.7 करोड़ लोग बेरोजगार हुए। जो देश का ज्वलंत मुद्दा है। उस पर सरकार चुप है।
जिन योजनाओं में फंड की जरूरत है, उनमें सरकार ने कटौती की।
झारखंड जैसे राज्य अब भी कोरोना की मार से उभर नहीं पायें हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ये कटौती जायज नहीं।
राज्य सरकार का जिक्र करते हुए वृंदा करात ने कहा कि पूर्व सरकार ने भ्रष्टाचार को चरम पर पहुंचाया।
रघुवर सरकार ने सारी हदें पार कर दीं। लेकिन अब भी ये कम नहीं हुआ है।
ऐसा लगता है कि वर्तमान सरकार में भी भ्रष्टाचार है। किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता फैलानेवाले कपिल शर्मा जैसे लोगों को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार नहीं करती।
लेकिन टूल किट के नाम पर किसान आंदोलन का समर्थन करनेवालों पर सरकार कार्रवाई करती है।
ऐसा लगता है कि जैसे अभिव्यक्ति की आजादी खत्म कर दी गयी है।
सोशल मीडिया में भी विचार व्यक्त करने से सरकार कार्रवाई करती है। ये एक तरह से अघोषित इमरजेंसी है।
करात ने कहा कि पेट्रोल डीजल के दाम में आग लगी हुई। पल-पल दाम बढ़ते जा रहे हैं।
जबकि पड़ोसी देशों में इसकी कीमत कम हो रही है। कारॅपोरेट को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ऐसा कर रही है।
उन्होंने कहा कि कोविड के नाम पर जो पीएम केयर फंड लाया गया। उसने सरकार की पोल खोली।
एक सर्वे के मुताबिक सौ से अधिक अरबपतियों के मुनाफे में 13 लाख करोड़ का इजाफा हुआ।
ऐसे में सरकार सिर्फ अडाणी अंबानी के लिए काम कर रही है।
उन्होंने बंगाल चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि बंगाल में किसी भी कीमत में टीएमसी के साथ माकपा नहीं जायेगी।
कितनी सीटें मिलेंगी। इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।