रांची: एएसआइ रजनीकांत सिंह को दोस्तों ने नया जीवन दिया है। जब कोरोना संक्रमित होने के बाद रजनीकांत के फेफड़े खराब हो गए थे तब वो जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे। एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में इलाज चल रहा था।
लेकिन हालत नाजुक बनी हुई थी। ऐसे मुश्किल समय में उनके दोस्त आगे आए। रजनीकांत के स्वजनों के अनुसार इलाज में अबतक 60 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हो गए। सामान्य व्यक्ति के लिए इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करना आसान नहीं था।
पुलिस विभाग ने तो मदद की ही पैसे जब कम पड़ने लगे तो दोस्तों ने क्राउड फंडिंग से पैसे जुटा कर दिए। इस तरह 13 अक्टूबर को सिकंदराबाद के किम्स अस्पताल में एएसआइ का सफलतापूर्वक लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया।
रजनीकांत मूल रूप से जहानाबाद के रहने वाले हैं। उनका परिवार जमशेदपुर में रहता है।
दरअसल, कोरोना की पहली लहर में लोगों की सेवा करते हुए रजनीकांत खुद संक्रमित हो गए थे। इसके बाद से उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई। पहले रांची में ही इलाज कराया गया।
परेशानी जब कम नहीं हुई तो पहले दिल्ली फिर मुंबई से इलाज चला। बावजूद राहत नहीं मिली। बाद में सिकंदराबाद स्थित किम्स अस्पताल के डाक्टरों से संपर्क किया जहां चिकित्सकों ने लंग्स ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी।
लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद रजनीकांत फिलहाल सिकंदराबाद के किम्स अस्पताल में ही भर्ती हैं और वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।