इस उम्र से शनि देव खूब करवाते हैं फिजूल खर्च, जानिए इससे बचने के उपाय

शनि (Shani) के मंदे कार्य न करें। जैसे ब्याज (Interest) का धंधा करना, शराब (Liquor) पीना और पराई महिला पर आसक्त होना। शनिवार के दिन शाम को छाया दान करें

News Desk
2 Min Read
#image_title

Horoscope : न्याय के देवता शनि देव (God Shani Dev) को दंड नायक कहा जाता है। शनि जातक (Shani Jatak) कर्मों के अनुसार उसके साथ न्याय करते हैं।

वहीं, उसके कुकर्मों (Misdeeds) के आधार पर उसे दंड देते हैं। कुंडली में शनि ग्रह का चक्र जब चलता है, तो जातक (Native) का जीवन आबाद या बर्बाद हो जाता है।

शनि चक्र में जातक राजा से रंक (King to Rank) और रंक से राजा बन जाता है। शनि के कुप्रभाव से जातक इतना खर्च फिजूल खर्च करता है कि उसकी जमा पूंजी (Savings) बर्बाद हो जाती है। आइये जानते हैं शनि देव किस दशा में जातक से खूब खर्च करवाते हैं।

इस उम्र से शनि देव खूब करवाते हैं फिजूल खर्च, जानिए इससे बचने के उपाय- From this age, Shani Dev makes a lot of wasteful expenditure, know the ways to avoid it
कब होता है फिजूल खर्चा

जब किसी जातक की कुंडली (Horoscope) में शनि की ढैया, साढ़ेसाती, दशा, महादशा (Mahadasha) चल रही हो या शनि वक्री चाल में होते हैं, तो जातक का खूब खर्चा करवाते हैं।

यह ऐसा समय रहता है जबकि जातक के कर्म का हिसाब किताब शुरू होता है। ढैया (Dhaiya) ढाई साल की, साढ़ेसाती साढ़े सात साल की और दशा 19 साल की होती है।

- Advertisement -
sikkim-ad

इस उम्र से शनि देव खूब करवाते हैं फिजूल खर्च, जानिए इससे बचने के उपाय- From this age, Shani Dev makes a lot of wasteful expenditure, know the ways to avoid it
इन कर्मों का मिलता है फल

जब व्यक्ति बुरे कर्म करता है तो शनिदेव का चक्र (Cycle of Shani Dev) प्रारंभ हो जाता है। जैसे कि ब्याज का धंधा करना, पराई स्त्री पर नजर रखना, शराब (Liquor) पीना, गरीबों का सताना, जानवरों को मारना, सांप को मारना और देवताओं का अपमान करना।

इस उम्र से शनि देव खूब करवाते हैं फिजूल खर्च, जानिए इससे बचने के उपाय- From this age, Shani Dev makes a lot of wasteful expenditure, know the ways to avoid it

निवारण के लिए करें ये काम

शनि (Shani) के मंदे कार्य न करें। जैसे ब्याज (Interest) का धंधा करना, शराब (Liquor) पीना और पराई महिला पर आसक्त होना। शनिवार के दिन शाम को छाया दान करें।

गरीब, निर्धन (Poor), सफाईकर्मी, विधवा, अंधे और वृद्धों का सम्मान करें और उन्हें भोजन कराएं। उड़द की खिचड़ी का वितरण करें। गुरुवार और शनिवार के दिन विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranamam) का पाठ करें। प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।

TAGGED:
Share This Article