नई दिल्ली: आने वाले नए शैक्षणिक सत्र (New Academic Session) से देश भर की 300 से अधिक Universities 4 वर्षीय अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम यानी FYUP लागू कर सकती हैं। हालांकि यह नियम बाध्यकारी नहीं होगा।
छात्रों के पास FYUP या फिर 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (Undergraduate Program) को अपनाने का विकल्प मौजूद रहेगा।
UGC के मुताबिक छात्रों को रिसर्च स्पेशलाइजेशन (Research Specialization) के साथ चार वर्षीय स्नातक ‘UG Honors’ डिग्री मिलेगी। फिलहाल देश भर की करीब 150 यूनिवर्सिटी में मौजूदा सत्र 2023-24 से एफवाईयूपी लागू हो गया है।
UGC चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार (UGC Chairman Professor M. Jagadish Kumar) के मुताबिक अगले सत्र में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। शैक्षणिक सत्र 2023-24 की शुरुआत में देशभर के 105 विश्वविद्यालयों ने FYUP को लागू किया था।
4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को लागू करने वाले विश्वविद्यालयों में 19 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 24 राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय, 44 डीम्ड विश्वविद्यालय और 18 प्राइवेट विश्वविद्यालय शामिल थे।
इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय व मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (Maulana Azad National Urdu University) शामिल हैं।
साथ साथ ऑनर्स की डिग्री हासिल
अब इन विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 150 तक पहुंच चुकी है। FYUP की रूपरेखा के तहत UGC ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NIP) के प्रावधानों का पालन करते हुए छात्रों को तीन वर्षीय स्नातक डिग्री के साथ-साथ 4 वर्षीय ऑनर्स डिग्री हासिल करने का विकल्प प्रदान किया है।
UGC चेयरमैन के मुताबिक छात्र 120 क्रेडिट पूरा होने पर तीन वर्षीय UG डिग्री और 4 वर्ष में 160 क्रेडिट पूरा करने पर FYUPऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे।
रिसर्च स्पेशलाइजेशन के इच्छुक छात्रों को चार साल के अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ साथ ऑनर्स की डिग्री हासिल होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) के नए ड्राफ्ट से विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को मदद मिलेगी।
भारतीय छात्रों में विदेशों में पढ़ाई को लेकर क्रेज साल दर साल बढ़ रहा है। बीते साल नवंबर तक 6 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र, उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए हैं, जबकि 2021 में यह संख्या 4.44 लाख थी।
इन आंकड़ों में कहा गया है कि कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और इटली ऐसे शीर्ष 5 देश हैं जहां पर भारतीय छात्र पढ़ने के लिए ज्यादा जा रहे हैं।
UGC के नए ड्राफ्ट के अनुसार, अब छात्र तीन साल के बजाय चार साल पूरा करने पर ही अंडरग्रेजुएट ‘ऑनर्स’ (Undergraduate Honors) की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।
UGC का कहना है कि FYUP का पाठ्यक्रम और क्रेडिट फ्रेमवर्क’ (Curriculum and Credit Framework’) का ड्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय स्टैण्डर्ड के अनुसार है। शिक्षा के स्तर में अंतरराष्ट्रीय बराबरी का एक लाभ यह भी है कि भारतीय छात्र को अमेरिका और पश्चिमी देशों के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए पहले से अधिक अवसर प्राप्त हो सकेंगे। हालांकि कुछ शिक्षाविद् इससे सहमत नहीं हैं।
इस तरह की स्किल छात्रों के लिए मददगार
प्रसिद्ध शिक्षाविद् CS कांडपाल (CS Kandpal) के मुताबिक FYUP उन छात्रों को मदद करेगी जो अमेरिका के कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में Admission पाने के इच्छुक हैं।
लेकिन प्रोग्राम में इस तरह की स्किल सिखाने की जरूरत है जिससे रोजगार बढ़ाया जा सके। इस तरह की स्किल विदेश में पढ़ने वाले छात्रों के भी लिए बहुत मददगार होगी। इन स्किल में कम्युनिकेशन, एडाप्टिबिलिटी, विदेशी भाषा, और सेल्फ-अवेयरनेस शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मूल उद्देश्य देश में तीन साल के प्रोग्राम में ज्यादा संख्या में छात्रों को शामिल करना था। FYUP, डिग्री तीन वर्षीय कार्यक्रम का विस्तार है।
जैसे कि स्कूलों में आप क्लास में जाते हैं, नोट्स तैयार करते हैं और परीक्षा देते हैं। परीक्षा में आपके प्रदर्शन के हिसाब से आपको ग्रेड मिलता है।
इस प्रकार की शिक्षा से छात्र विदेशों में अच्छी University में ग्रेजुएशन शिक्षा पाने के साथ-साथ करियर बनाने के लिए तैयार नहीं होते हैं क्योंकि उनका उद्देश्य मात्र विदेश के विश्वविद्यालय में प्रवेश पाना है। जो संस्थान FYUP शुरू करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें उसे इस बारे में सोचने की जरूरत है।