G-20 : राजधानी दिल्ली की हर सड़क पर G-20 की झलक दिखने को मिल रही है। शुक्रवार देर शाम तक लगभग सभी मेहमान दिल्ली पहुंच जाएंगे। मेहमानों का जोरदार तरीके से स्वागत किया जा रहा है,भारत की तरक्की में डिजिटल (Digital) माध्यम का बड़ा योगदान है।
बैंकिंग सेक्टर को डिजिटल ट्रांजेक्शन ने एक नया रूप दिया है। अब जब G-20 में आए मेहमान लोग दिल्ली में इधर-उधर घूमने जाएंगे तो UPI से आराम से पेमेंट कर सकेंगे। ठीक वैसे जैसे आम भारतीय लोग अपनी छोटी-बड़ी हर शॉपिंग के लिए इस डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन का इस्तेमाल करते हैं।
इसके लिए सरकार की ओर से उन्हें UPI वॉलेट में 1,000 रुपये तक दिए जाएंगे। इसके लिए 10 लाख रुपये का प्रबंध किया गया है। माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए कम से कम 1000 विदेशी मेहमान आएंगे। दरअसल, सरकार ने लगभग 1,000 विदेशी प्रतिनिधियों को यूपीआई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी देने का प्लान बनाया है।
UPI के अलावा आधार और डिजिलॉकर के बारे में भी अवगत कराया जाएगा
डेलिगेशन के वॉलेट में जो 1000 रुपये तक डाले जाएंगे। उससे वो समिट वेन्यू पर लगे स्टॉल से सामान खरीद पाएंगे। G-20 समिट वेन्यू में तमाम तरह के स्टॉल्स लगाए गए हैं। जिसमें वो चीजें रखी गई हैं, जो भारतीय परंपरा और संस्कृति से जुड़ी हैं।
खादी के तमाम प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं। मेहमान अपने वॉलेट में मौजूद पैसे से इन सामानों को खरीद पाएंगे। जब मेहमान खुद UPI का इस्तेमाल करेंगे, तो उन्हें पता चलेगा कि डिजिटल लेन-देन भारत में किस कदर आसान हो चुका है।
UPI के अलावा जी-20 के डेलिगेट्स को भारत की आधार और डिजिलॉकर (Aadhaar and DigiLocker) के बारे में भी अवगत कराया जाएगा। भारत सरकार का प्लान है कि UPI का इस्तेमाल केवल भारत तक ही सीमित न हो, बल्कि अन्य देश भी इसका प्रयोग करे। अब तक श्रीलंका, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर ने उभरते फिनटेक और भुगतान समाधानों पर भारत के साथ भागीदारी की है।