नई दिल्ली : 9 और 10 सितंबर को होने वाले G20 शिखर सम्मेलन के लिए देश की राजधानी दिल्ली में लगभग सभी देशों के प्रमुख और प्रतिनिधि पहुंच चुके हैं। जमीन से लेकर आकाश तक सुरक्षा के लाजवाब इंतजाम किए गए हैं।
दिल्ली के कुल 35 किलोमीटर के इलाके में पांच हजार CCTV कैमरा, स्पेशल कंट्रोल रूम और पचास हज़ार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी, K9 डॉग स्क्वॉड और घुड़सवार पुलिस की सहायता से जी-20 समिट के दौरान कड़ी निगरानी रखी जाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने 9-10 सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन की विभिन्न तैयारियों का जायजा लेने के लिए दिन के दौरान राजघाट और प्रगति मैदान का दौरा किया।
हवा तक पर है कड़ी नजर
जमीन और आसमान के अलावा हवा तक पर नजरें हैं कि कहीं इस हवा को कोई जहरीला ना बना दे। बायो वेपन से लेकर केमिकल वेपन तक से कैसे निपटना है, इसके लिए भी दिल्ली पूरी तरह से तैय़ार है।
दिल्ली में प्रगति मैदान से लेकर के प्रधानमंत्री निवास के पूरे एरिया को नो फ्लाइंग जोन में डाला गया है। यानी कोई भी ऐसा ऑब्जेक्ट जिसे रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है, वह इस इलाके में उड़ेगा तो उसे फौरन गिरा दिया जाएगा। इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया गया है।
इन एक्सपर्ट की लगी है ड्यूटी
G20 में शामिल होने जा रहे मेहमानों के लिए दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्सेज, एनएसजी, सीआरपीएफ की टीम तो हैं ही, साथ ही आईबी और रॉ से भी लगातार इनपुट लिए जा रहे हैं।
इतना ही नहीं सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय खुफिया एजेंसियां ब्रिटेन की एमआई6, रूस की केजीबी, अमेरिका की सीआईए और इजराइल की मोसाद जैसी एजेंसियों के साथ भी बराबर संपर्क में हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल
एजेंसियां साइबर अटैक को लेकर भी पूरी तरह से सतर्क हैं एक्सपर्ट की एक टीम लगातार ऐसे खतरों पर नजर बनाए हुए हैं। खास तौर से उन होटलों में साइबर एक्सपर्ट की टीम कड़ी नजर रखे हुए है, जहां पर विदेशी मेहमानों को ठहराया जाएगा।