गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, कांग्रेस की आलोचना पर BJP को लगी मिर्ची, जानिए कैसे दिया रिएक्शन…

News Aroma Media

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गोरखपुर (Gorakhpur) स्थित प्रसिद्ध गीता प्रेस (Geeta Press) को वर्ष 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की आलोचना करने को लेकर सोमवार को कांग्रेस (Congress) को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी गीता प्रेस से इसलिए नफरत करती है, क्योंकि वह सनातन का संदेश फैला रहा है।

Geeta Press को यह पुरस्कार ‘अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान’ के लिए दिया जायेगा।

गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, कांग्रेस की आलोचना पर BJP को लगी मिर्ची, जानिए कैसे दिया रिएक्शन… Gandhi Peace Award to Geeta Press, BJP got angry on criticism of Congress, know how it reacted…

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा

हालांकि, कांग्रेस ने गीता प्रेस को पुरस्कार दिए जाने की आलोचना की और इसे ‘उपहास’ बताया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने कहा, ‘‘यह फैसला वास्तव में एक उपहास है तथा सावरकर एवं गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।’’

इस आलोचना के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जाना गीता प्रेस के भगीरथ कार्यों का सम्मान है।गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, कांग्रेस की आलोचना पर BJP को लगी मिर्ची, जानिए कैसे दिया रिएक्शन… Gandhi Peace Award to Geeta Press, BJP got angry on criticism of Congress, know how it reacted…

शाह ने एक ट्वीट में कहा

शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारत की गौरवशाली प्राचीन सनातन संस्कृति और आधार ग्रंथों को अगर आज सुलभता से पढ़ा जा सकता है, तो इसमें गीता प्रेस का अतुलनीय योगदान है। 100 वर्षों से अधिक समय से गीता प्रेस रामचरितमानस से लेकर श्रीमद्भगवद्गीता जैसे कई पवित्र ग्रंथों को नि:स्वार्थ भाव से जन-जन तक पहुंचाने का अद्भुत कार्य कर रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 मिलना उनके द्वारा किये जा रहे इन भगीरथ कार्यों का सम्मान है।’’गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, कांग्रेस की आलोचना पर BJP को लगी मिर्ची, जानिए कैसे दिया रिएक्शन… Gandhi Peace Award to Geeta Press, BJP got angry on criticism of Congress, know how it reacted…

जे पी नड्डा ने ट्वीट में कहा

BJP अध्यक्ष जे पी नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘गीता प्रेस, गोरखपुर को ‘गांधी शांति पुरस्कार- 2021’ से सम्मानित किए जाने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूँ। भारत की गौरवशाली सनातन संस्कृति के संरक्षण व उत्कर्ष में पिछले 100 वर्षों का आपका योगदान प्रशंसनीय है। हमारे पवित्र ग्रंथों का वैश्विक प्रसार कर जो निःस्वार्थ सेवा आपने की है यह हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।’’गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, कांग्रेस की आलोचना पर BJP को लगी मिर्ची, जानिए कैसे दिया रिएक्शन… Gandhi Peace Award to Geeta Press, BJP got angry on criticism of Congress, know how it reacted…

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा, ‘‘गीता प्रेस भारत की संस्कृति से जुड़ी है। हमारे मूल्यों के साथ जुड़ी है। हिन्दू मान्यताओं के साथ भी जुड़ी है। किफायती साहित्य का निर्माण करती है। घर-घर में पहुंची हुई है। और आरोप कौन लोग लगा रहे हैं, जो मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं।’’

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि वे भूल गए कि मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान बनने का श्रेय लिया था और मुस्लिम लीग ने ही दो राष्ट्र के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था।

भारतीय संस्कृति पर खुला प्रहार

उन्होंने कहा, ‘‘उसने ही देश का बंटवारा कराया और कांग्रेस के लिए वह धर्मनिरपेक्ष हो गई और ग्रीता प्रेस अप्रिय हो गई। गीता प्रेस ने विभाजन तो नहीं किया, जैसा मुस्लिम लीग ने किया।’’

ज्ञात हो कि पिछले दिनों विदेश दौरे के दौरान एक साक्षात्कार में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल की इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग (Indian Union of Muslim League) को धर्मनिरपेक्ष करार दिया था।

कर्नाटक में मिली चुनावी जीत के घमंड में चूर

इससे पहले, BJP नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने इस फैसले की आलोचना के लिए कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कर्नाटक में मिली चुनावी जीत के घमंड में चूर होकर वह अब भारतीय संस्कृति पर खुला प्रहार कर रही है।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘वह चाहे धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करना हो या फिर गीता प्रेस की आलोचना करना, भारत की जनता निश्चित रूप से दोगुनी शक्ति के साथ कांग्रेस के ऐसे प्रयासों को नाकाम करेगी।’’

रमेश की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस को ‘हिन्दू विरोधी’ करार दिया और लोगों से सवाल किया कि गीता प्रेस पर उसके हमले से क्या कोई हैरान है?

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘गीता प्रेस को अगर ‘एक्सवाईजेड प्रेस’ कहा जाता तो वे इसकी सराहना करते… लेकिन चूंकि यह गीता है, इसलिए कांग्रेस को समस्या है।’’

कांग्रेस मुस्लिम लीग को मानती है धर्मनिरपेक्ष

पूनावाला ने कहा, ‘‘कांग्रेस मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष मानती है, लेकिन उसके लिए गीता प्रेस सांप्रदायिक है। जाकिर नाइक शांति का मसीहा है, लेकिन गीता प्रेस सांप्रदायिक है। कर्नाटक में गोहत्या चाहती है कांग्रेस।’’

पूनावाला ने कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यपाल शिवराज पाटिल के उस विवादित बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि लव जिहाद की बात सिर्फ इस्लाम में ही नहीं है, बल्कि ये भगवद् गीता और ईसाई धर्म में भी हैं। हालांकि, कांग्रेस ने उस समय कहा था कि इस तरह के बयान अस्वीकार्य हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने कभी गीता की तुलना जिहाद से की थी (शिवराज पाटिल का बयान याद रखें)। कांग्रेस ने प्रभु श्री राम के अस्तित्व को नकारा और राम मंदिर का विरोध किया। कांग्रेस गीता प्रेस से इसलिए नफरत करती है, क्योंकि वह सनातन के संदेश को कोने-कोने में फैला रहा है।’’

गीता प्रेस की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई

गीता प्रेस की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई थी और यह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इनमें श्रीमद्‍भगवद्‍गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां शामिल हैं।

गांधी शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसकी शुरुआत सरकार ने 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को सम्मान देते हुए की थी।