Prayagraj Ganga water unsafe : सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को रिपोर्ट दी है कि प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान गंगा के पानी में गंदगी ज्यादा पाई गई है। पानी में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा 2,500 यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर मिली, जो तय सीमा से बहुत अधिक है।
फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया क्या है?
यह बैक्टीरिया इंसानों और जानवरों की आंतों में पाया जाता है। अगर पानी में इसकी मात्रा बढ़ जाए, तो इसका मतलब है कि पानी मल से दूषित हो गया है। यह अपने आप में खतरनाक नहीं होता, लेकिन यह दूसरे खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस की मौजूदगी का संकेत देता है, जो बीमारियां फैला सकते हैं।
पानी में प्रदूषण के खतरे
गंदे पानी में नहाने से बुखार, उल्टी, पेट दर्द, डायरिया, टाइफाइड और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ये रोग मुंह, नाक और कान के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, पानी से दुर्गंध, गंदलापन और ऑक्सीजन की कमी भी होती है, जिससे जलीय जीवन पर असर पड़ता है।
सीपीसीबी की रिपोर्ट
CPCB की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयागराज में जहां महाकुंभ हो रहा है, वहां गंगा का पानी स्नान के लिए सुरक्षित नहीं है। लाखों लोग त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं, जिससे पानी में मल का स्तर बढ़ जाता है।