झारखंड

गढ़वा में ‘बीमार’ एंबुलेंस, मरीजों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़

बाकी 18 में से भी आधी से ज्यादा एंबुलेंस ऐसी हैं, जो मरम्मत के बिना ठीक से काम नहीं कर सकतीं। ऐसे में मरीजों को सही समय पर अस्पताल पहुंचाने की चुनौती और बढ़ गई है

Ambulance in Garhwa: मरीजों की जिंदगी बचाने वाली एंबुलेंस (Ambulance) अब खुद बीमार हालत में हैं। जिले में कुल 27 एंबुलेंस हैं, लेकिन इनमें से 9 पूरी तरह खराब होकर प्रखंडों में खड़ी हैं।

बाकी 18 में से भी आधी से ज्यादा एंबुलेंस ऐसी हैं, जो मरम्मत के बिना ठीक से काम नहीं कर सकतीं। ऐसे में मरीजों को सही समय पर अस्पताल पहुंचाने की चुनौती और बढ़ गई है।

108 एंबुलेंस सेवा की बदहाली

जिले में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन ‘सम्मान फाउंडेशन’ (Samman Foundation) के तहत किया जाता है, लेकिन इनकी स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है।

यहां तक कि सदर अस्पताल परिसर में खड़ी दो एंबुलेंस भी खराब पड़ी हैं। खराब एंबुलेंस के चलते कई बार मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में देरी हो जाती है, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है।

मरीजों को झेलनी पड़ रही दिक्कतें

गढ़वा में कई एंबुलेंस ऐसी भी हैं, जिनमें जरूरी चिकित्सा उपकरण ही मौजूद नहीं हैं। मरीजों की मदद के लिए एंबुलेंस में पल्स ऑक्सीमीटर, बीपी इंस्ट्रूमेंट, थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर, सर्वाइकल कॉलर और डिलीवरी किट जैसी जरूरी चीजें होनी चाहिए, लेकिन इनका अभाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में मरीजों को मजबूरी में महंगी प्राइवेट एंबुलेंस सेवा का सहारा लेना पड़ रहा है।

जनता की परेशानी पर प्रशासन की चुप्पी

स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। सरकारी एंबुलेंस (Government Ambulance) की खराब स्थिति से खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। अगर जल्द ही इन एंबुलेंस की मरम्मत और सुधार नहीं किया गया, तो स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और खराब हो सकती है।

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