Gautam Adani On Hindenburg Controversy: राजस्थान की राजधानी जयपुर में अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग विवाद और अमेरिका में लगे रिश्वत देने के आरोपों (Hindenburg Controversy and Bribery Allegations in America) पर पहली बार सार्वजनिक बयान दिया।
उन्होंने कहा, अडाणी ग्रुप के रास्ते में आई हर बाधा उसकी सफलता की सीढ़ी बनी है। गौतम अडानी (Gautam Adani) ने कहा कि आपके सपने जितने बड़े होते हैं, दुनिया उतनी ज्यादा आपकी परीक्षा लेती है।
उन्होंने कहा कि चुनौतियां हमें कभी तोड़ नहीं पाई, बल्कि उन्होंने हमें और मजबूत बनाया। हमारे अंदर ये विश्वास पैदा किया कि हर गिरावट के बाद हम और मजबूत तरीके से ऊपर उठने वाले है।
गौतम अडाणी शनिवार शाम को जयपुर में 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी अवॉर्ड (IGJA) समारोह में बोल रहे थे। इस मौके पर अपने विरोधियों को सुनकर अडाणी ने कहा कि हमें राजनीतिक विवाद में फंसाया गया है।
अडानी ने कहा कि साल 2010 में जब कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया में कोल माइनिंग शुरू की थी, तब हमारा उद्देश्य था कि हमें भारत को एनर्जी सेक्टर में और मजबूत करना है। हमारा उद्देश्य था कि भारत में होने वाले 2 टन खराब कोयले को ऑस्ट्रेलिया से 1 टन अच्छी क्वालिटी के कोयले से रिप्लेस किया जाएगा।
कई मीडिया संस्थानों ने स्वार्थों की पूर्ति के लिए विवाद को बढ़ाया
हालांकि गैर सरकारी संगठनों ने इसका बहुत ज्यादा विरोध किया और ये 10 साल तक चला। ये विरोध इतना ज्यादा था कि 10 बिलियन डॉलर के पूरे प्रोजेक्ट की फंडिंग हमने अपने इक्विटी शेयर से की। आज हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड क्लास कोल माइन है। यह हमारे लचीलेपन को दिखाता है।
वहीं जनवरी 2023 में जब हम फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) लांच करने जा रहे थे, तब अडानी समूह ने विदेश से कंपनी के खिलाफ शॉर्ट सेलिंग (शेयर बाजार में कंपनी के शेयर की बिकवाली) अटैक का सामना किया।
ये सिर्फ आर्थिक हमला नहीं था, ये डबल अटैक था। हमारी आर्थिक स्थिरता को टारगेट किया ही, हमें राजनीतिक विवाद में भी फंसाया गया। कई मीडिया संस्थानों ने इस विवाद को अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए और बढ़ाया।
उन विपरीत हालातों में भी हमने हमारे सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई। 20 हजार करोड़ रुपए का देश का सबसे बड़ा एफपीओ लाने के बाद हमने कुछ असाधारण फैसले लिए। हमने कई अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से पैसा जुटाया और हमारा Debt to EBITDA ratio 2.5 गुना से कम कर दिया। ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेस में यह मैट्रिक अनमैच है।
इसी साल हमारे फाइनेंशियल रिजल्ट ने हमारी श्रेष्ठता की प्रतिबद्धता को दिखाया। एक भी भारतीय और विदेशी रेटिंग एजेंसी ने हमें डाउन ग्रेड नहीं किया और आखिरकार Supreme Court ने भी हमारे कार्य को सही ठहराया और दृष्टिकोण को वैधता दी।
इस दौरान गौतम अडानी ने कहा कि 2 सप्ताह पहले हमने अमेरिका से अडाणी ग्रीन एनर्जी के कामों को लेकर कुछ आरोपों का सामना किया। सच ये है कि अडाणी कंपनी के किसी भी व्यक्ति के ऊपर अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (एफसीपीए) के उल्लंघन या साजिश के आरोप तय नहीं हुए हैं। आज की दुनिया में नकारात्मकता तथ्यों से ज्यादा तेजी से फैलती है।
अडाणी ने कहा कि ऐसी चुनौती हमने पहली बार फेस नहीं की है। हर आक्रमण आपको मजबूत बनाता है। हर बाधा अडाणी ग्रुप की सीढ़ी बन जाती है। हमने जो बाधाएं फेस की है, वहां हमारे लीडर बनने की कीमत है।