नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 1975-76 में जब भारतीय टीम न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के दौरे पर थी, तो उन्होंने वापस भारत लौटने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से पैटरनिटी लीव (पितृत्व अवकाश) नहीं मांगी थी।
मीडिया में ऐसी खबरें थीं कि गावस्कर ने छुट्टी मांगी थी, लेकिन उन्हें बीसीसीआई ने पितृत्व अवकाश देने से मना कर दिया गया था।
गावस्कर ने मिड डे अखबार के कॉलम में लिखा, मैंने छुट्टी मांगी थी, इस बात में सच्चाई है, लेकिन इसका कारण सही नहीं है। मैंने अपनी पत्नी के पास लौटने की अनुमति नहीं मांगी थी।
जब मैं न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के दौरे के लिए भारतीय टीम के साथ रवाना हुआ था, तब मैं यह जानता था कि मेरे दौरे पर रहते हुए ही बच्चे का जन्म होगा।
इसके बावजूद मैं भारत के लिए खेलने के लिए प्रतिबद्ध था और मेरी पत्नी ने मेरे इस फैसले का समर्थन किया था।
गावस्कर ने कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में वह चोटिल हो गए थे और उन्हें चार सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी गई थी।
उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने पैटरनिटी लीव की मांग की थी।
उन्होंने लिखा, डॉक्टर ने मुझे चार हफ्ते तक आराम करने की सलाह दी थी।
अगला टेस्ट मैच तीन सप्ताह बाद वेस्टइंडीज में होना था और मैं तब खेलने के लिए फिट नहीं था।
पूर्व कप्तान ने कहा, मैंने अपने मैनेजर पॉली उमरीगर से भारत लौटने की इजाजत मांगी थी, वह भी इस शर्त पर कि वेस्टइंडीज दौरे से पहले टेस्ट मैच टीम के साथ जुड़ जाऊंगा।
इसके अलावा मैं अपने खर्चे पर भारत जाऊंगा। इसलिए टेस्ट मैच में खेलने का कोई सवाल ही नहीं था।
यहां तक कि डाक्टरों की सलाह के बावजूद मैंने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट खेला था।