दुबई: गाजा के अस्पताल पर हुए हमले (Attacks on Gaza Hospital) में सैकड़ों मजलूमों की मौत पर दुनियाभर में आक्रोश है।
कई अरब मुल्कों ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, इजरायल का कहना है कि अस्पताल पर जो Rocket गिरा वह हमास का था।
संयुक्त राष्ट्र में 22 अरब देशों के समूह अरब लीग ने कहा कि इजरायल को हमले तत्काल बंद करने होंगे। बुधवार को कई देशों में इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध- प्रदर्शन (Protest) हुए। वहीं, अमेरिका ने साफ किया कि वह पूरी तरह इजरायल के साथ है।
संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर (Riyad Mansoor) ने अरब देशों की ओर से संयुक्त बयान जारी कर दावा किया कि गाजा में अस्पताल पर इजरायल की ओर से मिसाइल हमला किया गया।
यह नरसंहार है, जो युद्ध के नियमों के खिलाफ है। हम मांग करते हैं कि गाजा पर हमले रोके जाएं और इजरायल युद्धविराम की घोषणा करे।
बयान जारी करने वाले अरब देशों में सऊदी अरब, जॉर्डन, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और इराक शामिल हैं। मंसूर ने इजरायल के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि अस्पताल पर हमले में हमास का हाथ था।
अस्पताल पर हुए हमले के बाद जॉर्डन (Jordan)ने बुधवार को अम्मान में गाजा पर चर्चा के लिए बुलाए गए शिखर सम्मेलन को रद्द कर दिया।
इजराइली राजदूतों के निष्कासन पर विचार करें
इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, मिस्र और फलस्तीनी नेताओं के साथ बातचीत करने वाले थे। जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी (Ayman Safadi) ने बताया कि गाजा में जो हालात हैं, उसे देखते हुए सम्मेलन का औचित्य नहीं है।
ईरान ने इस्लामिक देशों से इजरायल पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। विदेश मंत्री होसैन अमीरा ने कहा कि OIC (मुस्लिम देशों का समूह) को सबसे पहले तेल की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
साथ ही OIC के सदस्य देश इजराइली राजदूतों (Israeli Ambassadors) के निष्कासन पर विचार करें। गाजा के मसले को लेकर सऊदी में ओआईसी देशों की अहम बैठक भी हुई।