नई दिल्ली: कोरोना कहर में कमी के बीच कई राज्य अनलॉक Unlock की तैयारी में हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ अभी लॉकडाउन में ज्यादा ढील के पक्ष में नहीं हैं।
उनका कहना है कि ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जो बाद में भारी पड़े।
जर्मनी, ब्रिटेन, इटली कई देश इसकी नजीर हैं कि संक्रमण के पूरी तरह से काबू में आने से पहले प्रतिबंध हटाना कितना घातक साबित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए तमाम शोध भी दर्शाते हैं कि लॉकडाउन Lockdown संक्रमण को बेकाबू होने से रोकने में कितना कारगर है।
अभी ब्रिटेन सहित कई देशों ने पूरी तरह से अनलॉक नहीं किया है।
ऐसे में अभी अनलॉक की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। ऐसे में लॉकडाउन Lockdown और अनलॉक Unlock संबंधी मामलों को राज्य के स्तर पर नहीं करना चाहिए।
ये फैसले केंद्र के स्तर से होने चाहिए। अनलॉक होने पर आशंका है कि मामले दोबारा तेजी से बढ़ने लगेंगे। अनलॉक की प्रक्रिया तब शुरू हो, जब कोरोना खत्म हो जाए।
अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए, लेकिन सरकारों की ओर से लोगों को पूरी तरह से आगाह भी किया जाना चाहिए कि अगर कोरोना प्रोटोकॉल पर अमल नहीं किया गया तो दोबारा लॉकडाउन Lockdown लगाया जाएगा।
खतरा अभी टला नहीं है। न तो कोरोना मरीजों की संख्या थमी है और न ही मौतें। ऐसे में कोरोना की पिछली लहर की तरह जल्दी-जल्दी अनलॉक नहीं करना चाहिए। शुरुआती चरण में सिर्फ बेहद जरूरी चीजों को खोला जाए।
मॉल और भीड़भाड़ वाली जगहों पर प्रतिबंधों में ढील सबसे बाद में दी जाए।
जहां भी अनलॉक किया जाए, वहां बाकायदा सख्ती हो तभी हालात बेकाबू होने से रोके जा सकेंगे।
लोगों को भी समझना होगा कि यदि हम अब भी कोरोना से बचाव के लिए जरूरी एहतियाती उपाय नहीं अपनाएंगे तो और नुकसान होना तय है।
चरणबद्ध तरीके से कुछ राज्यों में अनलॉक Unlock की प्रक्रिया को शुरू करना बिल्कुल ठीक कदम है, लेकिन साथ ही इसमें एक शर्त यह भी होनी चाहिए कि जैसे ही कोरोना के मामले बढ़ें, दोबारा
पाबंदी लगाई जाए। दुनियाभर में इसी तरह से कोरोना की दूसरी लहर से निपटा गया है। जैसे ही मामले बढ़े लॉकडाउन Lockdown लगा दिया गया और मामले घटते ही ढील दी जानी शुरू कर दी गई।
हालांकि, भारत की दूसरे देशों से तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि यहां लोगों के जीवन और आजीविका के बीच सामंजस्य बनाना होता है। केंद्र और राज्यों की सरकारें ज्यादा दिनों तक लॉकडाउन Lockdown नहीं लगा सकती हैं।
देश में जरूरी है कि अनलॉक के साथ-साथ तेजी से टीकाकरण किया जाए, ताकि लोगों में कोरोना के खिलाफ सुरक्षा कवच विकसित हो सके और स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव घट पाए।