रांची : सर्टिफिकेट जांच (Certificate Check) के क्रम में यह बात सामने आई है कि झारखंड के गिरिडीह (Giridih) जिले में 225 पारा शिक्षक यानी सहायक अध्यापक फर्जी (Fake Assistant Teacher) हैं। उन्हें सेवा से हटाने के लिए गिरिडीह जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) विनय कुमार ने निर्देश दे दिया है।
गौरतलब है कि पहले भी गिरिडीह के 60 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी (Teachers Certificate Fake) पाए गए थे। उन्हें हटाने का निर्देश स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने दिया था।
गिरिडीह जिले के 225 पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद, प्रयाग महिला विद्यापीठ इलाहाबाद, भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ, गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन, मथुरा से निर्गत हैं।
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया कि इन संस्थानों से जारी सर्टिफिकेट वैध नहीं हैं। उसके आधार पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने
एक अगस्त 2023 के प्रभाव से इन्हें सेवा से हटाने का निर्देश जारी किया गया है।
30 शिक्षकों ने किया है रिजाइन
झारखंड में फर्जी पाए गए शिक्षकों के मैट्रिक, इंटर, स्नातक या फिर प्रशिक्षण (B.Ed-D.El.D) का सर्टिफिकेट फर्जी हैं। सर्टिफिकेट जांच के दौरान ही 30 पारा शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया।
इनके अलावा 59 पारा शिक्षा अनैतिक रूप से बहाल थे और 12 पर क्रिमिनल केस थे। ऐसे सभी शिक्षकों को हटाने का निर्देश दिया गया है।
झारखंड में कहां कितने फर्जी शिक्षक
झारखंड में सबसे ज्यादा गिरिडीह में 285 पारा शिक्षक (Para Teacher) गलत प्रमाणपत्रों में बहाल पाए गए। कोडरमा में 51, रांची में 26, रामगढ़, हजारीबाग में 20-20, साहिबगंज में 18, देवघर-पाकुड़ में 17-17, बोकारो में 14, पूर्वी सिंहभूम में 13, गढ़वा-लोहरदगा में 11-11 और सरायकेला-खरसावां में 10 पारा शिक्षक गलत सर्टिफिकेट पर बहाल हैं। इसके अलावा लातेहार मे नौ, पलामू में आठ, धनबाद में सात, चतरा-खूंटी में छह-छह, दुमका-गुमला-पश्चिमी सिंहभूम में चार-चार पारा शिक्षक गलत सर्टिफिकेट में काम करते पाए गए हैं।