गिरिडीह : कोरोना का भय लोगों को इस कदर है कि संक्रमित की मौत के बाद भी शव के पास नहीं जा रहे हैं। परिजन श्मशान घाट पर शव छोड़कर भाग जा रहे हैं।
गिरिडीह शहर का मारवाड़ी श्मशान घाट उसरी नदी के किनारे है। प्रतिदिन यहां शवों को दाह संस्कार के लिए लाया जाता है। इस काल में कई लोगों की जान कोरोना संक्रमण से गई है।
सभी का पार्थिव शरीर इसी घाट में लाया जाता है। कोरोना संक्रमण का भय ऐसा कि स्वजन दाह संस्कार में शामिल नहीं हो रहे हैं।
स्वजन शव को श्मशान घाट में छोड़कर चले जा रहे हैं। इन शवों के दाह संस्कार की जिम्मेदारी स्थानीय वारियर्स मिथुन चंद्रवंशी, रामजी यादव और रॉकी शर्मा उठा रहे हैं।
उसका दाह संस्कार कर रहे हैं। शव के साथ एक या दो स्वजन साथ होते हैं। किसी ऐसे भी शव आ रहे है जिसके साथ स्वजन तो होते हैं पर शव को घाट पर वाहन से उतार कर भाग जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता एवं अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा मंटू ने मंगलवार को ऐसे कई शवों के दाह संस्कार का प्रबंध कराया।
इधर लगातार कोरोना संक्रमितों के शव आने से मुहहले वाले परेशान हैं।
उन्हें भी भय होने लगा है कि संक्रमण घनी आबादी में जलने से फैले नही। सोमवार को जहां एक भी किसी तरह का शव इस घाट पर नही आया वही मंगलवार को छह लोगों का शव लाया गया था।