लाइफस्टाइल डेस्क: अगर आप चाहते हैं कि बच्चे पढ़ाई के साथ ही खेल कूद में भी तेज हों तो उन्हें बादाम का दूध दें।
यह तो हम सब जानते हैं और कई शोधों में यह बात साबित भी हो गई है कि बादाम को दूध में मिलाकर पीने से इसकी पौष्टिकता और बढ़ जाती है।
इसके अलावा सर्दी में बादाम वाला दूध पीने से सर्दी नहीं लगती है और शरीर में ताकत भी आती है।
डॉक्टर और विशेषज्ञ मानते हैं कि बादाम खाने से दिमागी ताकत बढ़ती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बादाम में प्रोटीन होता है, जो दिमाग के काम को बेहतर बनाता है।
प्रोटीन न केवल ऊर्जा देता है, बल्कि यह हमारे ब्रेन सेल्स को ठीक भी करता है। इसकी वजह से हमारे सोचने, समझने और फैसले लेने की क्षमता बढ़ती है।
ऐसे में यदि आप इसे दूध के साथ मिलाकर पीते हैं तो इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों का स्तर और भी बढ़ जाता है। यानी अगर आप बादाम दूध में मिलाकर बच्चों को पिलाती हैं तो इसका पूरा लाभ उन्हें मिल पाएगा।
हड्डियां मजबूत होंगी
बादाम वाला दूध पीने से बच्चों की हड्डियां भी मजबूत होंगी क्योंकि इस मिश्रण से बच्चों को खूब सारा विटामिन डी मिलता है।
विटामिन डी की वजह से हड्डियां कैल्शियम आसान से सोखती हैं। बादाम वाला दूध पीने से बच्चों में अर्थराइटिस और ओस्टियोपरोसिस का खतरा कम होता है।
प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है
ऐसे में बादाम वाला दूध उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा और उन्हें इस तरह की परेशानियां नहीं होंगी।
आंखों के लिए भी फायदेमंद
बादाम वाले दूध में विटामिन ‘ए’ प्रचूर मात्रा में होता है, जो कि आंखों को सेहतमंद रखने के लिए जरूरी है। अगर आप अपने बच्चे को रोजाना बादाम वाला दूध पिलाती हैं तो उन्हें आंखों की समस्या नहीं होगी।
त्वचा होगी बेहतर
बादाम वाले दूध में विटामिन ‘ई’ भी होता है, जो त्वचा को रोगमुक्त और स्वस्थ रखता है। साथ ही इसे पीने से त्वचा में नमी भी बनी रहती है।
बादाम दूध का बच्चों के लिए रोजाना सेवन
बादाम का दूध या किसी भी तरह का दूध एक साल के बच्चे के लिए मुख्य भोजन का विकल्प नहीं बन सकता है और इसे केवल सप्लीमेंट के रूप में दिया जाना चाहिए।
यदि आप अपने बच्चे के लिए बादाम दूध या किसी अन्य दूध का विकल्प चुनती हैं तो आपको एक दिन में दो से तीन सर्विंग्स या 16 से 24 औंस (453 से 680 ग्राम) दूध से अधिक नहीं देना चाहिए।
ऐसा इसलिए है क्योंकि, इसका ज्यादा सेवन करने से बच्चे की भूख कम हो जाएगी और वह दूसरे ठोस खाद्य पदार्थ नहीं खाएगा, जिसका अर्थ है कि फिर आपके बच्चे को अपने आहार से पर्याप्त आयरन और अन्य पोषक तत्व अच्छे से नहीं मिल पाएंगे।