अडानी के मुंद्रा पोर्ट ने पूरा किया 25 साल का उत्साहजनक सफर, जश्न का मौका…

इससे ये खुद को दुनिया भर में प्रमुख और तकनीकी रूप से एडवांस्ड बंदरगाहों में से एक के रूप में स्थापित करने में कामयाब रहा

News Aroma Media

गोड्डा : विश्व स्तर पर सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक मुंद्रा पोर्ट (Mundra Port) अपने विस्तार और ग्रोथ को आगे बढ़ाते हुए 25 साल के उत्साहजनक सफर का जश्न मना रहा है।

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स लिमिटेड (Adani Ports and Special Economic Zones Limited) ने एक रिलीज में कहा है कि 7 अक्टूबर 1998 को अपने पहले शिप एमटी अल्फा’ की बर्निंग (डॉक पर शिप को लगाना) के बाद से, इस बंदरगाह ने लगातार एक दूरदर्शी अप्रोच, मजबूत इरादे और बिना किसी गलती के काम करने के तरीके का प्रदर्शन किया है।

इससे ये खुद को दुनिया भर में प्रमुख और तकनीकी रूप से एडवांस्ड बंदरगाहों में से एक के रूप में स्थापित करने में कामयाब रहा।

एक महत्वपूर्ण ट्रेड गेटवे के रूप में उभरते हुए, मुंद्रा पोर्ट एक मल्टीमॉडल हब के तौर पर विकसित हुआ है,जो व्यापार को बढ़ावा देने के साथ साथ आर्थिक प्रगति को मजबूत करता है।

अपनी मामूली शुरुआत से लेकर यह महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ा है और पिछले 25 वर्षों में राज्य और राष्ट्रीय खजाने में 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है, जो भारत के आर्थिक निर्माण में इसकी मुख्य भूमिका को दर्शाता है। साथ ही, इसने स्थापना के बाद से 7.5 करोड़ मानव दिवस से अधिक रोजगार उत्पन्न किया है।

1998 में मुट्ठी भर टन से, मुंद्रा ने 2014 में 100 एमएमटी का प्रबंधन किया, जो ऐसा करने वाला भारत का पहला पोर्ट था। आज, यह पोर्ट 155 एमएमटी (फिर से भारत में पहला) से अधिक का प्रबंधन करता है, जो भारत के समुद्री कार्गो का लगभग 11 प्रतिशत है।

मुंद्रा कंटेनर ट्रैफिक के लिए EXIM गेटवे भी है। असल में, भारत का 33 प्रतिशत कंटेनर ट्रैफिक एक समर्पित कार्गो कॉरिडोर के माध्यम से मुंद्रा पोर्ट के जरिए बहता है जो उत्तरी भीतरी इलाकों से मुंद्रा तक डबल-स्टैक कंटेनरों की एक अनूठी सुविधा प्रदान करता है।

हमने केवल एक पोर्ट का निर्माण नहीं किया है….

मौके पर अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा कि “मुंद्रा, मेरे लिए, सिर्फ एक पोर्ट से कहीं अधिक है। यह पूरे अदाणी समूह के लिए संभावनाओं के क्षितिज का समुंद्री तट है।

25 साल पहले, जब हमने इस यात्रा की शुरुआत की थी, इस दौरान, हमने एक ऐसे प्रकाशस्तंभ का सपना देखा था जो भारत के आगे बढ़ने का प्रतिनिधित्व करेगा।

इस प्रतिबद्धता की धड़कन न केवल मुंद्रा में, बल्कि पूरे देश में गूंजती है और प्रत्येक स्टेकहोल्डर के विश्वास में गूंजती है, जिन्हें हमारे साथ इस यात्रा पर चलने का भरोसा था।

हमारे सिल्वर जुबली के अवसर पर, मुंद्रा वह गवाह है, जो सोच, संघटन और एक एकजुट समुदाय का सामंजस्य होने पर क्या अद्भुत चीजें हो सकती हैं, यह दिखाता है।

अपने कर्मचारियों और भागीदारों के साथ, हमने केवल एक पोर्ट का निर्माण नहीं किया है; बल्कि, हमने एक वैश्विक उत्कृष्टता का प्रतीक निर्मित किया है, जिसने पूरे क्षेत्र को परिवर्तित किया है और नए नक्शों को तैयार किया है। हमारा आत्मविश्वास कभी भी इतना ऊंचा नहीं था और मुंद्रा वैश्विक कैनवास पर नए मानक स्थापित करते हुए आगे बढ़ना जारी रखेगा।”

अदाणी ने कहा….

CEO और पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी ने कहा कि आज, मुंद्रा विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रदर्शन कर रहा है और जो कोई भी मुंद्रा को देखता है वह सहमत होगा कि यह गौतम अदाणी जैसे अग्रणी उद्यमियों की दृष्टि और दृढ़ संकल्प के लिए एक बहुत ही स्पष्ट श्रद्धांजलि है, जिन्होंने बड़ा सोचना और दीर्घकालिक सोचने से इनकार कर दिया।

केवल 25 वर्षों में मुंद्रा के इस बहुआयामी परिवर्तन को हम राष्ट्र निर्माण में अदाणी समूह के विनम्र योगदान के रूप में देखते हैं। जो कभी बंजर था वह अब भारत का एक्जिम गेटवे और व्यापार व वाणिज्य के लिए एक असाधारण वैश्विक केंद्र है। मैं बहुत आत्मविश्वास से कहूंगा कि हम भारत के विकास के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक बनाने में सफल रहे हैं और मुझे यह भी विश्वास है कि हमारी यात्रा अभी शुरू हुई है।

मुंद्रा पोर्ट निर्बाध मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी (Mundra Port Seamless Multimodal Connectivity) के साथ विशाल उत्तरी भीतरी इलाकों में सेवा प्रदान करता है। देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक पोर्ट के रूप में, 35,000 एकड़ में फैला, मुंद्रा सबसे बड़े कोयला, प्राकृतिक गैस और ऑटो टर्मिनलों सहित अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।

इसकी गहरी ड्राफ्ट और सभी मौसम की क्षमताएं, कुशल कार्गो निकासी तथा न्यूनतम टर्नअराउंड समय सुनिश्चित करती हैं। इसके रणनीतिक फायदे और बेहतर सुविधाओं ने इसे प्रमुख वैश्विक शिपिंग लाइनों के लिए पसंदीदा विकल्प बना दिया है।

हरित पहल से लेकर टिकाऊ परिचालन तरीकों तक, पर्यावरण के प्रति जागरूक गतिविधियों …