GOLD Record High in International Market: अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) द्वारा 4 साल बाद ब्याज दरों में कटौती करने का इंटरनेशनल गोल्ड मार्केट पर काफी जोरदार असर नजर रहा है।
इस कटौती के बाद International Market में सोने के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। सोना पहली बार 2,600 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार करके 2603 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
कोरोना प्रकोप के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पहली बार अमेरिकी लेबर मार्केट को सपोर्ट करने के इरादे से ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है।
यूएस फेड की 2 दिन तक चली बैठक में ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करने का 18 प्रतिनिधियों ने समर्थन किया जबकि सिर्फ एक प्रतिनिधि इस प्रस्ताव के खिलाफ था।
2024 में ही US Fed की और दो बैठकें होने वाली है, जिसमें आगे भी ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लिया जा सकता है।
सोने के भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए
US Fed द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने से डॉलर इंडेक्स में नरमी आई। इसी के साथ ट्रेजरी यील्ड में भी गिरावट आ गई, जिसके कारण इंटरनेशनल मार्केट में सोने के भाव में 1.27 प्रतिशत की तेजी आ गई।
पहले ही इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि अगर US Fed ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लेता है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव में उछाल आ सकता है।
पहले से लगाए जा रहे अनुमानों के मुताबिक ही US Fed का फैसला आने के बाद इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमत में तेजी आ गई।
उल्लेखनीय है कि US Fed के फैसले के पहले से ही इंटरनेशनल मार्केट में सोना लगातार नए रिकॉर्ड बनाता रहा है। मध्य एशिया में बढ़ते तनाव और रूस यूक्रेन जंग की वजह से इस साल गोल्ड मार्केट में पहले से ही काफी तेजी आई हुई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना अभी तक 24 प्रतिशत से अधिक की तेजी दर्ज कर चुका है। ऐसे में अमेरिका में ब्याज दोनों में कटौती से सोने के भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए हैं।
डॉलर की ताकत में कमी आने का अनुमान
हालांकि Market Experts का कहना है कि सोने की कीमत में आया ये उछाल अस्थाई भी साबित हो सकता है। क्योंकि अगर डॉलर इंडेक्स में दोबारा तेजी आती है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलते हैं, तो निवेशकों का रुझान एक बार फिर सोने की ओर हो सकता है।
ऐसा होने पर सोना अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे फिसल सकता है। हालांकि फिलहाल ब्याज दरों में कटौती शुरू हो जाने के कारण Dollar की ताकत में भी कमी आने का अनुमान है।
ऐसा होने पर आमतौर पर अर्थव्यवस्था में मंदी का डर बनने लगता है, जिससे सुरक्षित निवेश के रूप में लोगों का रुझान सोने की ओर बढ़ जाता है।
जानकारों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में हुई कटौती का बाजार पर पड़ने वाला वास्तविक असर आने वाले एक से दो सप्ताह बाद ही पता चल सकेगा। इसके पहले बाजार में होने वाले किसी भी परिवर्तन के टिकाऊ होने की उम्मीद नहीं है।