Poor Cibil Score : पढ़ाई हो या शादी हर चीज़ को अपने मुताबिक करने के लिए लोगों को लोन (Loan) लेने की आवश्यकता पड़ ही जाती है।
अपने सपनों का आशियाना (Dream House) कौन नहीं बनाना चाहता। लेकिन उसके लिए भी लोन लेने की जरुरत हो जाती है।
सरकारी बैंक में अच्छे Cibil Score की जरुरत
आप छोटा या बड़ा LOAN लेने का मन बना रहे हैं और चाहते हैं कि Bank बिना आनाकानी के आसानी से आपको किफायती दरों पर लोन दे दे, तो आपके लिए अपने सिबिल स्कोर को समझना और इसे अच्छा बनाए रखना बेहद जरूरी है।
यही नहीं अब तो सरकारी बैंकों (Public Sector Banks) में नौकरी पाने के लिए भी ये जरूरी हो गया है।
न्यूनतम 650 होना चाहिए स्कोर
अगर आप भी बैंक में नौकरी पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं, तो ध्यान रखें अब केवल योग्यता या कड़ी मेहनत से काम नहीं बनने वाला, बल्कि नौकरी पाने के लिए अब आपको अपने सिबिल स्कोर पर भी ध्यान देना होगा।
बैंकिंग रिक्रूटमेंट एजेंसी इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (IBPS) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को छोड़कर अन्य सरकारी बैंकों में नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य योग्यता में सिबिल स्कोर को भी जोड़ है। इसके मुताबिक, आवेदक का सिबिल 650 या उससे ऊपर होना जरूरी है।
रद्द हो सकता है ऑफर लेटर
IBPS के नए नोटिफिकेशन के मुताबिक, जिन उम्मीदवारों का सिविल स्कोर (Civil Score) 650 से कम होगा, उन्हें सरकारी बैंक में नौकरी मिलने में दिक्कत आएगी।
क्रेडिट स्कोर नहीं होने, की स्थिति में आवेदक को बैंस से नो Objection Certificate यानी NOC जरूरी होगी और इसके नहीं होने पर Offer लेटर रद्द किया जा सकता है।
बैंक जॉब की योग्यताओं में जोड़े गए इस नए क्रेडिट क्लॉज से सिबिल स्कोर की अहमियत का पता चलता है। इसके अलावा पहले से ही किसी भी तरह का लोन लेने के लिए Cibil Score को परफेक्ट होना बेहद जरूरी है।
क्या है Cibil Score?
दरअसल, सिबिल स्कोर किसी शख्स की क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है। ये बताता है कि आपने कब-कब कर्ज लिया, आपके पास अभी कितने कर्ज हैं, आप कितने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं और आपके ऊपर कितनी देनदारियां हैं।
इसके अलावा क्रेडिट स्कोर के जरिए कर्ज भुगतान को लेकर आपकी जिम्मेदारी के बारे में भी पता चलता है।
बैंक हमेशा व्यक्ति का सिबिल स्कोर चेक कर के ही लोन अप्रूव करते हैं। सिबिल स्कोर को क्रेडिट स्कोर (Credit Score) के नाम से भी जाना जाता है।
बैंकों को इसकी मदद से लोन लेने वाले आवेदक के बारे में तमाम जानकारियां मिलती हैं, जैसे वो समय पर लोन को चुकाते हैं या नहीं। क्या व्यक्ति ने किसी लोन की पेमेंट पर डिफॉल्ट किया है।
बैंक लोन देने में करता है आनाकानी
अगर आपका सिबिल स्कोर कमजोर है, तो बैंक आपको आसानी से लोन नहीं देगा और देगा भी तो ज्यादा ब्याज दर पर। यानी लोन का भुगतान करने में आगे मुसीबत होगी और ज्यादा पैसा चुकाना होगा।
RBI ने भी बैंकों को इस संबंध में सलाह दी है कि बैंकों को लोन देने से पहले सिबिल कंफर्मेशन (Cibil Confirmation) जरूर करना चाहिए। इससे Loan Default की संभावना कम हो जाती है।
बैंकों ने सिबिल स्कोर के मानक तय किए हुए हैं। इनके आधार पर इसका 750 से ऊपर होना आपको कम ब्याज दर (Low Interest Rate) पर लोन दिलाने में मददगार हो सकता है।
कैसे होगा Cibil Score में सुधार
अगर आप किसी लोन की EMI चुकाने में चूक करते हैं या फिर कोई बिल पेंडिंग (Bill Pending) रहता है, तो इसका असर आपके सिबिल स्कोर पर होता है। इससे आपका स्कोर कम हो जाता है।
अगर आप क्रेडिट कार्ड से खर्च करते हैं और बिल समय पर नहीं चुकाते हैं तो भी स्कोर पर बुरा असर होता है। क्रेडिट की जांच करने वाली कंपनियां किसी पेमेंट में डिफॉल्ट रहने पर आपका स्कोर कम कर देती हैं।
क्रेडिट स्कोर खराब होने पर भविष्य में लोन लेने में दिक्कत आती है। अपने सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए समय पर पेमेंट करें। क्रेडिट कार्ड पेमेंट या फिर किसी अन्य बिल या EMI (Other Bills or EMI) का भुगतान Deadline से पहले करना फायदेमंद रहेगा।
इसके अलावा उतना ही खर्च करें जितना जरूरी हो और पेंडिग (Pending) का भुगतान समय पर करें। Credit Card से खर्च करते समय आपको बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है।