न्यूज़ अरोमा रांची: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव का फैसला लिया है।
मोर्चा के सदस्य संजय कुमार दुबे ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष “वादा पूरा करो प्रदर्शन” किया जाएगा।
एक तरफ जहां पारा शिक्षक अपनी तयारी में है वहीं दूसरी ओर सरकार भी पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की मांग को लेकर तैयारी में लग गई है।
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि सरकार उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर पारा शिक्षकों की समस्या का निदान करने में लग गई है।
मुख्य सचिव के साथ विभाग के पदाधिकारियों की बैठक इसी सफ्ताह होनी थी लेकिन किसी वजह से बैठक नहीं हो सकी है।
कैबिनेट की मीटिंग होने की वजह से और कुछ तैयारियों में कमी होने की वजह से ये बैठक नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही एक सप्ताह के अंदर एक उच्च स्तरीय बैठक होगी जिसकी तैयारी चल रही है।
पारा शिक्षक भी वेतनमान और सेवा स्थायीकरण के तोहफे के इंतज़ार में हैं।
सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर सरकार गंभीर, जल्द होगी उच्च स्तरीय बैठक
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है की पारा शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर बैठक होने वाली है। बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में की जाएगी, जिसके बाद पारा शिक्षकों को लेकर अहम फैसला लिया जायेगा।
उन्होंने बताया की सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर गंभीर है और जल्द ही उन्हें तोहफा दे सकती गई।
बता दें की इधर कैबिनेट में किसी तरह का कोई फैसला नही लिए जाने से पारा शिक्षक काफी निराश हैं लेकिन अब अगर उच्च स्तरीय बैठक में इन सभी के हक में फैसला लिया जाता है तो कहीं न कहीं उनके चेहरे पर एक मुस्कान वापस लौट सकती है जिसका वो काफी लम्बे समय से इंतजार में हैं।
पारा शिक्षकों ने कहा- समस्याओं का निवारण नहीं हुआ तो होगा विधानसभा का घेराव
समस्याओं का निवारण नहीं हुआ तो आगामी सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूबे के 65 हजार पारा शिक्षकों का स्थायीकरण करते हुए वेतनमान देने की मुख्यमंत्री की घोषणा अबतक धरातल पर नहीं उतरना पारा शिक्षकों के साथ विश्वासघात है।
साथ ही अप्रशिक्षित, एनसी अंकित पारा शिक्षकों का 20 माह का लंबित मानदेय भुगतान किया जाए।
पलामू के छतरपुर, नौडीहा बाजार के 436 पारा शिक्षकों के पूर्व सत्र का बकाया मानदेय भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मांगों की पूर्ति नहीं होने एवं तात्कालिक समस्याओं के निदान नहीं होने से राज्य के पारा शिक्षक आक्रोश में हैं।
हतप्रभ भी कि चुनाव पूर्व पारा शिक्षकों को सपना दिखाने वाली झामुमो, कांग्रेस, राजद सरकार में आने के बाद पारा शिक्षकों को भूल कैसे गए।
कभी-कभी कोरे आश्वासन का घूंट के सिवाय 14 महीने में इस सरकार से पारा शिक्षकों को कुछ नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि बुधवार को कैबिनेट से भी पारा शिक्षकों को काफी आशा थी लेकिन फैसलों से निराशा हाथ लगी।