रांची: एनआईओएस के डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (DELEd) कोर्स को अब देश भर में मान्यता मिल गई है।
इसके लिए एनसीटीई ने मंजूरी दे दी है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) से एनआईओएस के डीएलएड कोर्स को मान्यता मिलने के बाद, उम्मीदवार अब किसी भी राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे।
झारखंड के डीएलएड पाठ्यक्रम उत्तीर्ण राज्य के लगभग 53 हजार शिक्षकों के लिए भी अच्छी खबर है।
आपको बता दें कि अभी तक डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (D.El.Ed.) कोर्स को सिर्फ बिहार राज्य में ही मान्यता मिली थी। जिसकी वजह से डीएलएड का कोर्स कर चुके अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती के लिए बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य में आवेदन नहीं कर सकते थे।
क्या है D.El.Ed?
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीएड/बीटीसी की तरह डीएलएड का कोर्स राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान की तरफ से कराया जाता है। इसमें 18 महीने तक शिक्षक की ट्रेनिंग दी जाती है।
हालांकि इस कोर्स को करने के बाद अभ्यर्थियों को राज्य स्तरीय टीईटी की परीक्षा पास करनी होती है। वहीं, केंद्रीय विद्यालय में टीचर बनने के लिए सीटेट की परीक्षा पास करनी होती है।
बता दें कि मान्यता मिलने से 53 हजार डीएलएड उत्तीर्ण लोगों ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा आयोजित होनेवाली शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने की Qualification प्राप्त कर ली है।
अबतक झारखंड के 53,136 लोगों ने डीएलएड पाठ्यक्रम पूरा किया है। इनमें निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक के अलावा पारा शिक्षक भी शामिल हैं।
इनमें 14 हजार पारा शिक्षकों ने एनआइओएस से डीएलएड का पाठ्यक्रम पूरा किया है। बताया जाता है कि एनसीटीई ने पटना हाईकोर्ट के एक आदेश के आलोक में इस पाठ्यक्रम की मान्यता प्रदान की है।
एनआइओएस ने मान्यता दिए जाने की जानकारी राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर दी है।
एनआईओएस ने लगभग 13 से 14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था
हालांकि एनआइओएस के डीएलएड पाठ्यक्रम को शिक्षक नियुक्ति के लिए मान्यता मिलने से झारखंड के 53 हजार डीएलएड पास लोगों ने प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति की Qualification प्राप्त कर ली है, अगर वो शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हो जाते हैं।
पूर्व में एनसीटीई ने 18 महीने के इस डीएलएड कोर्स को शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य करार कर दिया था।
इसके बाद निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक हाईकोर्ट पहुंच गए थे। वहीं, पटना हाई कोर्ट ने एनसीटीई के पात्रता नियमों को अनुचित ठहराते हुए उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें प्राइमरी टीचरों की नियुक्ति में 18 महीने के डीएलएड कोर्स को अमान्य घोषित किया गया था।
18 महीने के डीएलएड कोर्स को उन लाखों शिक्षकों के लिए शुरू किया गया था, जो अप्रशिक्षित थे। रिपोर्ट के अनुसार, एनआईओएस ने लगभग 13 से 14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था।
इस संबंध में एनसीटीई के उप सचिव ने सभी राज्य के मुख्य सचिवों को पत्र भी जारी कर दिया है।
कुछ माह पहले पटना हाईकोर्ट ने एनसीटीई के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में 18 माह के डीएलएड कोर्स को अमान्य करार दिया गया था।
पटना हाईकोर्ट के इस निर्णय से एनआईओएस से डीएलएड कोर्स करने वाले बिहार के उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिली थी।
पटना उच्च न्यायलय ने डीएलएड डिग्रीधारियों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी थी। अब सभी राज्यों के उम्मीदवार शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन के पात्र माने जाएंगे।