नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) का पहले दिन बाजार ने शानदार स्वागत किया।
RBI ने डिजिटल करेंसी को एक नवंबर को पायलट परीक्षण (Pilot Test) के तौर पर लॉन्च (Launch) किया। इसकी लॉन्चिंग को अच्छी शुरुआत मिली और पहले दिन 275 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
इस पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक शामिल हैं
केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (CBDC) का ट्रायल पायलट प्रोजेक्ट (Trial Pilot Project) के तहत केवल थोक सेगमेंट में बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों यानी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (Government Securities) के लेनदेन करने के लिए मंजूरी दी गई है। इस पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक शामिल हैं।
इनमें से कई बैंकों ने लॉन्चिंग के पहले ही दिन डिजिटल वर्चुअल करेंसी (Digital Virtual Currency) का इस्तेमाल करते हुए सरकारी बॉन्ड से जुड़े 48 लेनदेन किए। उनकी वैल्यू करीब 275 करोड़ रुपये है।
डिजिटल रुपये (Digital Rupees) के पायलट परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया गया।
इस पायलट परीक्षण (Pilot Test) में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी को शामिल किया गया है।
तीन प्रकार की होती है डिजिटल करेंसी
क्रिप्टोकरेंसी: यह नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का उपयोग करती है। इस मुद्रा पर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटक्वाइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) इसके उदाहरण हैं।
वर्चुअल करेंसी: यह डेवलपर्स (Developers) या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन से नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी): इसे किसी भी देश का सेंट्रल बैंक जारी करता है। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।