रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि राज्य सरकार ने नियत समय पर पंचायत चुनाव नहीं करा कर पंचायती राज व्यवस्था के प्रति अपने उदासीन रवैया को दिखा दिया है।
प्रतुल ने शुक्रवार को कहा कि जिस तरीके से राज्य सरकार प्रदेश की शीर्ष ब्यूरोक्रेसी को काम चलाऊ व्यवस्था के तहत चला रही है। उसी की धमक अब पंचायती राज में भी देखने को मिल रही है।
प्रतुल ने कहा कि राज्य में दो उप चुनाव हो सकते हैं, बिहार में चुनाव हो सकता है।
लेकिन पंचायत चुनाव से सरकार भागती दिखी।
इस वैकल्पिक व्यवस्था में नौकरशाही का सीधा हस्तक्षेप होगा।
क्योंकि समिति में न सिर्फ उपायुक्त के द्वारा नामित प्रतिनिधि होंगे बल्कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी, संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी, सीओ भी रहेंगे।
पंचायती राज संस्थाओं को बनाने का मूल उद्देश्य वहां पर गांव और स्थानीय सरकार स्थापित करने का था।
लेकिन राज्य सरकार ने चुनाव कराने की जगह नौकरशाही के हस्तक्षेप वाले समिति का गठन कर दिया।
प्रतुल ने कहा कि यह सरकार पूरी तरीके से पंचायत चुनाव को लेकर उदासीन है।
जिस राज्य में नक्सली गतिविधियां बढ़ी हो और एक रिकॉर्ड संख्या में बलात्कार और हत्या हुई हो।
वहां पर डीजीपी और गृह सचिव का पद प्रभार पर चल रहा है। अब इसी सोच को राज्य सरकार ने पंचायत तक उतार दिया है जोकि राज्य के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है।