झारखंड हाई कोर्ट में जंगल की जमीन बेचने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को मिला समय

पूर्व में इस मामले में एक जांच कराई गई थी। इसमें क्लास तीन और चार के तीन कर्मियों के खिलाफ सिर्फ प्रपत्र क इश्यू किया गया था

News Desk
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रांची: Jharkhand High Court के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र (Sanjay Kumar Mishra) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ (Bench) में बुधवार को हजारीबाग में फॉरेस्ट की 450 एकड़ जमीन को रैयती बनाकर बेचने की जांच का आग्रह करने वाली शिव शंकर शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के प्रधान सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग (Forest and Environment Department) को जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय दिया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 जून निर्धारित की है।

मामले में एक जांच कराई गई

इससे पहले राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह के समय की मांग की गई थी। पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट (Court) को बताया था कि हजारीबाग में 450 एकड़ की जंगल की जमीन को रैयती जमीन बनाकर 2008 लोगों ने खरीद बिक्री की।

वन विभाग की ओर से इस वन भूमि को लेकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (Objection Certificate) दिया गया था। वन विभाग के वरीय अधिकारियों की मिलीभगत से जंगल की जमीन को बेचने का काम हुआ है।

पूर्व में इस मामले में एक जांच कराई गई थी। इसमें क्लास तीन और चार के तीन कर्मियों के खिलाफ सिर्फ प्रपत्र क इश्यू किया गया था।

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