नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने खुदरा प्याज की कीमतों में तेजी पर लगाम लगाने उन राज्यों के लिए प्याज का बफर स्टॉक सुनियोजित और लक्षित तरीके से उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है, जहां दाम पिछले महीनों के मुकाबले बढ़ रहे हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि बाजारों में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र में प्याज की लासलगांव और पिंपलगांव थोक मंडियों में भी बफर स्टॉक जारी किया जा रहा है।
राज्यों को भंडारण से अलग स्थानों पर 21 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की पेशकश की गई है। मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्रों को भी परिवहन लागत सहित 26 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से इस सब्जी की आपूर्ति की गई है।
बफर स्टॉक के तेजी से बाजार में आने से प्याज की कीमतों में स्थिरता देखी जा रही है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ हफ्तों में खुदरा प्याज की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं।
दिल्ली और चेन्नई में प्याज की कीमत 37 रुपए किलो थी, जबकि मुंबई में 39 रुपए किलो और कोलकाता में 43 रुपए किलो थी। मंत्रालय ने कहा कि देर से पैदावार वाली खरीफ (गर्मी) प्याज की आवक स्थिर है और मार्च, 2022 से रबी (सर्दियों) फसल के आने तक स्थिर रहने की उम्मीद है।
इस साल 17 फरवरी तक प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत पिछले साल की तुलना में 22.36 प्रतिशत कम थी। मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के माध्यम से प्रभावी बाजार हस्तक्षेप के कारण वर्ष 2021-22 के दौरान प्याज की कीमतें काफी हद तक स्थिर रहीं। इसी तरह आलू का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य पिछले महीने की तुलना में 17 फरवरी को 6.96 प्रतिशत कम यानी 20.58 रुपए किलो था।