नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने फ्रीडम हाउस की डेमोक्रेसी अंडर सीज नामक शीर्षक की रिपोर्ट को खारिज किया है।
केंद्र ने कहा है कि एक स्वतंत्र देश के रूप में भारत का दर्जा घटाकर आंशिक रूप से स्वतंत्र का दावा गलत और अनुचित है। केंद्र में मौजूदा राजनीतिक दल से इतर दूसरे राज्यों में अन्य दलों की संघीय ढांचे के तहत निर्वाचित सरकारें हैं।
ये चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हुए थे, जिन्हें एक स्वतंत्र संस्था द्वारा कराया गया था।
इससे भारत में एक जीवंत लोकतंत्र की उपस्थिति का पता चलता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रिपोर्ट के कई बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए दावों को गलत ठहराया है।
रिपोर्ट में भारत में मुसलमानों और उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के खिलाफ भेदभावपूर्ण नीति बनाने का दावा किया है।
इस पर केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत सरकार अपने सभी नागरिकों के साथ समानता का व्यवहार करती है, जैसा देश के संविधान में निहित है और बिना किसी भेदभाव के सभी कानून लागू हैं।
जनवरी, 2019 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के बाद मशीनरी ने निष्पक्ष और उचित तरीके से कार्य किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में देशद्रोह कानून, लॉकडाउन, मानवाधिकार, पत्रकारों की स्वतंत्रता आदि से जुड़े किए गए दावों को गलत ठहराया है।