लखनऊ: उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता रहा है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से इसमें और तेजी आई है।
अब तो धीरे धीरे पूवार्ंचल की पहचान बदलने लगी है।
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिये हर जिले के पारम्परिक उद्योग को ग्लोबल पहचान, फोरलेन, सिक्सलेन से विस्तारित सड़कें, विकास की यह धारा सतत, अविरल प्रवाहित होती रहे, योगी सरकार इसे लेकर भी संजीदा है।
पूवार्ंचल के समग्र विकास का ब्लू प्रिंट तैयार करने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में 10 से 12 दिसंबर तक राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी का आयोजन होने जा रहा है।
प्रदेश शासन के नियोजन विभाग के सौजन्य व गोरखपुर विश्वविद्यालय के अकादमिक सहयोग से होने वाले तीन दिन के कार्यक्रम की गम्भीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि योगी सरकार का इन तीन दिनों में डेरा गोरखपुर ही रहेगा। खुद मुख्यमंत्री योगी कुछ सत्रों में मौजूद रहेंगे।
पूवार्ंचल का विकास मुद्दे, रणनीति एवं भावी दिशा विषयक राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी मे पांच सेक्टरों प्राइमरी, मैन्युफैक्च रिंग, सर्विस, सोशल व वाटर सेक्टर में चार दर्जन से अधिक सत्रों में विकास की भावी रूपरेखा तैयार की जाएगी।
हर सत्र में प्रदेश सरकार के मंत्री, शासन के वरिष्ठ अधिकारी व देश विदेश के विषय विशेषज्ञ मंथन कर सतत विकास का रोड मैप बनाएंगे।
इस दौरान कृषि व कृषि आधारित क्षेत्र के उन्नयन से किसानों की आय दोगुनी करने, विनिर्माण व सेवा क्षेत्र के विकास व रोजगार की नई संभावनाओं, सामाजिक सशक्तिकरण व जल प्रबंधन के जरिये पूवार्ंचल को खुशहाल बनाने पर मंत्रणा खास होगी।
इस राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी का उद्घाटन 10 दिसंबर को शाम पांच बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।
मुख्यमंत्री दूसरे दिन 11 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक सभी मंत्रियों, पूवार्ंचल के सभी सांसदों व पूवार्ंचल के सभी विधायकों के साथ एक-एक घंटे अलग-अलग बैठक कर इस क्षेत्र के विकास पर मंत्रणा करेंगे।
राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी के समापन सत्र में भी 12 दिसंबर को शाम 4 बजे से सीएम योगी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय आयुष मंत्री, स्वतन्त्र प्रभार श्रीपद यशो नाइक की मौजूदगी रहेगी।
अलग-अलग सत्रों में उप मुख्यमंत्री — केशव प्रसाद मौर्या, दिनेश शर्मा, खादी व ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग, लघु, मध्यम उद्योग और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्घार्थ नाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री आशुतोष टंडन, संस्थागत वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्या, मातृ व शिशु कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, वन, पर्यावरण व जंतु उद्यान मंत्री दर सिंह चौहान, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, पशुपालन, दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर, पर्यटन विकास मंत्री नीलकंठ तिवारी, दुग्ध विकास व मत्स्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार सतीश द्विवेदी, व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार कपिलदेव अग्रवाल, कृषि शिक्षा अनुसंधान राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत, राजस्व व बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री विजय कश्यप, लघु व मध्यम उद्यम मंत्री चौधरी उदयभान सिंह, आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव, परिवहन व संसदीय कार्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अशोक कटारिया, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग, महिला व बाल विकास राज्य मंत्री स्वाति सिंह, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह की सहभागिता रहेगी।
गोरखपुर में खाद कारखाना जून जुलाई से उत्पादन प्रारम्भ कर देगा तो अन्नदाता को और सहूलियत हो जाएगी।
हर जिले के एक विशिष्ट पारम्परिक उत्पाद को ओडीओपी में शामिल कर योगी सरकार ने पूवार्ंचल में भी हर जिले को औद्योगिकरण की राह दिखाई है।
एक्सप्रेस के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के स्थापित होने से पूवार्ंचल औद्योगिक नक्शे पर भी चमकने लगेगा।
सेवा क्षेत्र में विकास और रोजगार की संभावनाओं के लिए पर्यटन स्थलों का कायाकल्प हो रहा है।