देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने रविवार को यहां कहा कि हर की पैड़ी को स्कैप चैनल से मुक्त रखा जाएगा और मां गंगा का अविरल स्वरूप बरकरार रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री आवास में रविवार को अखाड़ा परिषद् के साथ हरिद्वार कुंभ-2021 की तैयारियों की बैठक से पूर्व उन्होंने संतों से कहा कि हर की पैड़ी को स्कैप चैनल से मुक्त रखा जाएगा।
हर की पैड़ी का अविरल गंगा दर्जा बरकार रखा जायेगा। इसके लिए जल्द नया शासनादेश जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लंबे समय से गंगा सभा एवं जनता द्वारा हरकी पैड़ी क्षेत्र को स्कैप चैनल से मुक्त रखने की मांग की जा रही थी। यह क्षेत्र आस्था एवं विश्वास का प्रतीक भी है।
जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
दरअसल 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल में उनकी सरकार ने हर की पैड़ी पर गंगा को स्कैप चैनल का नाम दे दिया था।
इससे यहां बहने वाली गंगा की जलधारा को नदी न मानकर नहर का दर्जा दिया गया था।
इसके लिए एक शासनादेश भी जारी किया गया था। उस वक्त साधु-संत समेत तीर्थ पुरोहितों ने इसका पुरजोर विरोध किया था।
2017 में भाजपा सरकार आने के बाद साधु-संत और तीर्थ पुरोहित इस आदेश को रद्द करवाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री के ताजा आश्वासन के बाद उन्हें उम्मीद जगी है।
इस मामले में करीब चार महीने पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2016 के शासनादेश को लेकर साधु-संतों और पुरोहितों से माफी मांगी थी।
उन्होंने स्पष्ट किया था कि 2016 में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की तलवार लटकी हुई थी।
अगर टेक्निकल बदलाव न करते तो कम से कम 300 इमारतों को ध्वस्त करना पड़ता।
इसी को लेकर दर्जन भर लोग उनसे मिले और कोई हल निकालने का निवेदन किया था। नतीजतन, उस समस्या को समझते हुए उन्होंने तकनीकी बदलाव करने का फैसला लिया।
हरीश रावत ने कहा था कि मौजूदा सरकार पुराने शासनादेश को रद्द करने के लिए स्वतंत्र है।