Ranchi: झारखंड सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने शोध परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। इसके तहत शोधार्थियों, वैज्ञानिकों और शिक्षकों को 2 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षाविदों को शोध के लिए प्रेरित करना और विज्ञान तथा तकनीकी क्षेत्र में नए आविष्कारों और खोजों को बढ़ावा देना है।
शोध कार्य के लिए तीन प्रकार की परियोजनाएं
सरकार ने शोध कार्य के लिए तीन अलग-अलग श्रेणियां बनाई हैं, ताकि विभिन्न स्तर के शोधार्थियों को उनके काम के आधार पर अनुदान दिया जा सके। ये तीन श्रेणियां हैं:
1. माइनर प्रोजेक्ट (छोटे शोध प्रोजेक्ट)
समय सीमा: 12 महीने
बजट: 2 लाख रुपये
उद्देश्य: छोटे शोध कार्य, प्रारंभिक अध्ययन और संक्षिप्त अनुसंधान परियोजनाओं को पूरा करने के लिए।
2. मेजर प्रोजेक्ट (मध्यम स्तर के शोध प्रोजेक्ट)
समय सीमा: 24 महीने
बजट: 5 लाख रुपये
उद्देश्य: विस्तृत शोध कार्य, महत्वपूर्ण अध्ययन और वैज्ञानिक खोजों के लिए।
3. लांग टर्म प्रोजेक्ट (दीर्घकालिक शोध प्रोजेक्ट)
समय सीमा: 36 महीने
बजट: 10 लाख रुपये
उद्देश्य: बड़ी और जटिल शोध परियोजनाओं को पूरा करने के लिए, जो राज्य और समाज के लिए उपयोगी हों।
JCSTI करेगा पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग
झारखंड सरकार ने इस योजना की निगरानी की जिम्मेदारी JCSTI (Jharkhand Council of Science, Technology & Innovation) को दी है। JCSTI यह सुनिश्चित करेगा कि सही उम्मीदवारों को शोध के लिए वित्तीय सहायता मिले और वे अपने कार्य को समय पर पूरा करें।
JCSTI निम्नलिखित कार्यों की निगरानी करेगा:
- आवेदन प्रक्रिया की देखरेख
- शोध प्रस्तावों की जांच और चयन
- अनुदान राशि का उचित वितरण
- शोध कार्य की प्रगति की समीक्षा
साल में दो बार आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत JCSTI हर साल जुलाई और दिसंबर में शोध परियोजनाओं के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा। यह समय सीमा सुनिश्चित करेगी कि शोधार्थी पूरे वर्ष किसी भी समय आवेदन कर सकें और समय पर वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकें।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
शोध परियोजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन बनाया गया है ताकि उम्मीदवार आसानी से आवेदन कर सकें और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे। आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
1. ऑनलाइन आवेदन भरना:
इच्छुक उम्मीदवारों को ऑनलाइन पोर्टल पर एक फॉर्म भरकर आवेदन करना होगा।
इसमें शोध का विषय, उद्देश्य, अनुसंधान विधि और अपेक्षित परिणामों की जानकारी देनी होगी।
2. हार्ड कॉपी जमा करना:
ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद, इसकी हार्ड कॉपी भी संस्थान में जमा करनी होगी।
हार्ड कॉपी ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि के 15 दिनों के भीतर संबंधित संस्थान में जमा करनी होगी।
यदि हार्ड कॉपी समय पर जमा नहीं होती है, तो आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।
3. भाषा संबंधी नियम:
शोध प्रस्ताव और फाइनल रिपोर्ट केवल अंग्रेजी भाषा में ही जमा करने होंगे।
4. प्रत्येक उम्मीदवार केवल एक आवेदन कर सकता है:
एक व्यक्ति एक बार में केवल एक ही शोध परियोजना के लिए आवेदन कर सकता है।
शोध प्रस्ताव की जांच और चयन प्रक्रिया
1. स्क्रीनिंग प्रक्रिया:
JCSTI द्वारा एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जाएगी, जो सभी प्राप्त आवेदन और शोध प्रस्तावों की जांच करेगी।
2. शॉर्टलिस्टिंग:
पात्र उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और उन्हें प्रेजेंटेशन और इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।
3. चयन और स्वीकृति:
चयनित उम्मीदवारों को उनके शोध प्रस्ताव को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
शोध कार्य के लिए राशि का भुगतान
1. दो समान किस्तों में भुगतान:
चयनित उम्मीदवारों को शोध कार्य के लिए दी जाने वाली राशि दो बराबर किस्तों में दी जाएगी।
पहली किस्त शोध कार्य शुरू करने के लिए दी जाएगी और दूसरी किस्त कार्य की प्रगति के आधार पर दी जाएगी।
2. शोध प्रस्ताव के पुनर्वर्गीकरण का अधिकार:
JCSTI को यह अधिकार होगा कि वह किसी शोध प्रस्ताव को माइनर, मेजर या लांग टर्म प्रोजेक्ट में स्थानांतरित कर सके।
3. अनुदान राशि का उपयोग:
शोधार्थी इस राशि का उपयोग फील्ड वर्क, उपकरण खरीदने, अध्ययन सामग्री, कंटीजेंसी (अन्य खर्चों) आदि के लिए कर सकते हैं।
शोध कार्य से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
प्रत्येक शोध परियोजना को तय समय सीमा के भीतर पूरा करना अनिवार्य होगा। शोधकर्ता को अपने कार्य की प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर JCSTI को प्रस्तुत करनी होगी।अनुदान की राशि का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाएगा। यदि कोई शोधार्थी निर्धारित समय में अपना शोध कार्य पूरा नहीं करता है या अनुदान राशि का दुरुपयोग करता है, तो उससे पूरी राशि वापस ली जा सकती है।
इस योजना के फायदे
झारखंड के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शोध कार्य को बढ़ावा मिलेगा। शिक्षकों, वैज्ञानिकों और शोधार्थियों को आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी परियोजनाओं पर बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे। उच्च शिक्षा और तकनीकी क्षेत्र में राज्य की स्थिति मजबूत होगी। इस योजना से विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में नए इनोवेशन (नवाचार) और खोजों को प्रोत्साहन मिलेगा। झारखंड के छात्र और शिक्षक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो सकेंगे।