Gujarat High Court: गुजरात हाई कोर्ट ने एक केस के फैसले में ऐसे कई देशों का उदाहरण दिया जहां मेरिटल रेप (Marital Rape) को अपराध करार दिया गया है।
8 दिसंबर को जस्टिस दिव्येष जोशी की पीठ ने एक आदेश में रेखांकित किया कि मेरिटल रेप अमेरिका के 50 राज्यों, ऑस्ट्रेलिया के तीन राज्यों और न्यूजीलैंड, कनाडा, इजरायल, फ्रांस, स्वीडन, डेनमार्क, नॉर्वे, सोवियत यूनियन, पोलैंड जैसे देशों में अवैध है।
‘ब्वॉयज विल बी ब्वॉयज’ के रवैये को बदलने की आवश्यकता
Bar and Bench की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने कहा United Kingdom का भी उदाहरण दिया, जहां से IPC के अधिकतर प्रावधान प्रेरित हैं। कोर्ट ने कहा कि एक पुरुष का महिला पर यौन हमला IPC की धारा 376 के तहत दंडनीय अपराध है।
जस्टिस जोशी ने कहा, ‘इस प्रकृति के अधिकतर केस में आमतौर पर चलन यह है कि यदि पुरुष पति है, दूसरे व्यक्ति जैसा ही काम कर रहा है, तो भी उसे छूट मिल जाती है। मेरे विचार से इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। पुरुष पुरुष है, कृत्य कृत्य है, रेप रेप है, भले ही इसे पुरुष पति महिला ‘पत्नी’ से करे।
इसके अलावा, कोर्ट ने ‘Boys Will Be Boys’ के रवैये को बदलने की आवश्यकता भी बताई, जो छेड़छाड़ और पीछा करने के अपराधों को मामूली या सामान्य बना देता है।
कोर्ट ने यह टिप्पणी एक महिला की ओर दायर जमानत याचिका को खारिज करते हुए की। एक रेप केस में महिला को उसके पति और बेटे के साथ आरोपी बनाया गया है। केस के मुताबिक महिला की बहू ने अपने पति और उसके माता-पिता पर उसकी Nude Videos/Photos लेकर पॉर्न वेबसाइट (Porn website) पर अपलोड करने का आरोप लगाया था।
सास ने सुसर का साथ दिया
उसने इस पर आपत्ति की और ससुर से और सास से शिकायत की थी। महिला का आरोप है कि सास ने सुसर का साथ दिया। महिला ने कहा कि उसका पति उसके साथ अपने माता-पिता के उकसावे पर अप्राकृतिक कृत्य (Unnatural Act) करता था।
महिला ने ये भी कहा कि वह पैसा अर्जित करने के लिए ऐसा कर रहे थे ताकि कर्ज की वजह से उनका होटल बिकने से बच जाए।