गुमला: जिले के सिसई थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर पंचायत अंतर्गत (Under Shivnathpur Panchayat) डाहुटोली गांव में सरना धर्मावलंबियों ने धर्म परिवर्तन करने पर दो परिवारों का बहिष्कार कर उन्हें गांव से बाहर कर दिया है।
साथ ही दोनो घरों में ताला जड़ दिया गया। दोनों परिवार के सदस्य सिसई थाना (Sisai Thana) में शरण लिए हुए हैं।
इस घटना की सूचना के बाद शनिवार को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनीष चंद्र लाल, इंस्पेक्ट एसएन मंडल व जिला परिषद (District Council) सदस्य विजय लक्ष्मी आदि ने दर्जनों गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया।
बैठक में आरोपित स्व. जटा उरांव की पत्नी विरसमुनी उरांव व उसका छह बच्चों व बंधन उरांव, उनकी पत्नी राजमुनी उरांव और उनके पांच बच्चों को भी बैठक में बुलाकर समझाने का प्रयास किया गया। परंतु वे ईसाई धर्म (Christianity) के साथ ही अपना जीवन बिताने का जिद पर अड़े रहे।
धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की जाए
बैठक में मौजूद लोगों ने दोनों परिवारों को जमीन जगह से बेदखल करने और गांव में नहीं रहने देने का फैसला सुनाया। लगभग सात घंटे की लंबी बैठक के बाद प्रशासन गांव से बहिष्कृत दोनों परिवारों को थाने ले गई।
ग्रामीणों ने बताया कि दोनों परिवार गांव वालों से छुप-छुप कर चर्च जाया करते थे। जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई तो पूर्व में भी पांच बार बैठक कर दोनों परिवार के सदस्यों को समझाया था।
बैठक में उपस्थिति लोगों का कहना है कि जब भगत-ओझा (Bhagat-Ojhaa) पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है तो प्रशासन चंगाई सभा करने वाले ईसाई धर्म गुरुओं पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।
ग्रामीणों की मांग है कि सरना समाज के भोले भाले गरीब लोगों को प्रलोभन और बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की जाए।
बैठक में कई गांव के ग्रामीण व आदिवासी समाज (Tribal Society) के महिला -पुरुष व आदिवासी समाज गणमान्य लोग उपस्थित थे।