Additional Sessions Court of Gwalior: ग्वालियर के अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ने बलात्कार के एक आरोपी (Rape Accused) को दोष मुक्त कर दिया है। पीड़ता महिला शादीशुदा है।
वह अपना भला बुरा जानती है। लिखित में अनुबंध करने के बाद आरोपी पर बलात्कार का आरोप लगाना गलत है। शादीशुदा महिला के रूप में संबंध बनाना दुष्कर्म (Rape) नहीं माना जा सकता है।
17 मार्च 2020 को महिला ने पड़ाव थाने में अभिषेक राजोरिया के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज कराया था। पीड़ता ने आरोप लगाया था, वह पति से अलग होकर अपने पिता के घर पर रह रही थी।
नौकरी दिलाने का वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए
उसकी पहचान Abhishek Rajoria के साथ हुई। उसने नौकरी दिलाने और शादी का वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
विवाहित होते हुए वह अपने पति से अलग रह रही थी। विवाहित होने के बाद भी उसने दूसरे पुरुष से संबंध स्थापित किया।
अनुबंध करके महिला ने आरोपी से ₹15000 हर माह प्राप्त करने का करार किया। ऐसी स्थिति में इसे बलात्कार और दुष्कर्म नहीं माना जा सकता है। अपर सत्र न्यायालय ने आरोपी को दोष मुक्त कर दिया है।