नई दिल्ली : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मामले में गुरूवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ASI के सर्वे की इजाजत दे दी।
दरअसल, 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे (ASI Survey) का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष ने पहले सुप्रीम कोर्ट फिर हाईकोर्ट में ASI सर्वे के फैसले को चुनौती दी थी।
अब हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, न्यायहित में ASI का सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के तहत इसे लागू करने की जरूरत है।
बौद्ध धर्म गुरु का दावा
लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ आज तब आ गया जब बौद्ध धर्म गुरु (Buddhist Guru) ने स्ष्ट में दावा किया कि यह उनका मठ है। बौद्ध धर्म गुरु ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर कहा कि ज्ञानवापी मंदिर या मस्जिद नहीं बल्कि बौद्ध मठ (Buddhist Monastery) है।
बौद्ध धर्म गुरु सुमित रतन भंते (Sumit Ratan Bhante) के मुताबिक देश में तमाम ऐसे मंदिर हैं, जो बौद्ध मठों को तोडक़र बनाए गए हैं। ज्ञानवापी में पाए गए त्रिशूल और स्वस्तिक चिन्ह बौद्ध धर्म के हैं।
केदारनाथ या ज्ञानवापी में जिसे ज्योतिर्लिंग बताया जा रहा है, वह बौद्ध धर्म के स्तूप (Stupas of Buddhism) हैं। ज्ञानवापी न मस्जिद है न मंदिर बल्कि बौद्ध मठ है।
देश में बौद्ध मठों की खोज शुरू
Sumit Ratan Bhante ने देश में बौद्ध मठों की खोज शुरू की है। वे बोले कि हमने नई खोज शुरू की है कि जैन और बौद्ध मठों को तोडक़र मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल बनाए गए हैं।
सभी मंदिरों और मस्जिदों को उनके मूल स्वरूप में आना चाहिए। जहां-जहां बौद्ध मठ से उनका स्वरूप बदल दिया गया है। बौद्ध मठों को अपने मूल स्वरूप में आना चाहिए।
सुमित रतन बोले कि बौद्ध धर्म के मानने वालों की संख्या भी यही चाहती है।
केदारनाथ ,बद्रीनाथ को लेकर भी दायर करेंगे याचिका
साथ ही उन्होंने कहा कि हम केदारनाथ(Kedarnath), बद्रीनाथ (Badrinath) सहित अन्य मंदिरों को लेकर भी याचिका दायर करेंगे। सनातन बौद्ध धर्म सबसे पुराना है। ज्ञानवापी को लेकर उन्होंने कहा कि ASI ने अगर सही से सर्वे किया तो बौद्ध मठ ही पाया जाएगा और अगर पाया जाए तो ज्ञानवापी हमें सौंप दें।
सबसे पुराना धर्म है बौद्ध
बौद्ध धर्म गुरु के मुताबिक इस्लाम 1500 साल पहले आया और हिंदू धर्म (Hindu Religion) 1200 साल पहले आया है। लेकिन बौद्ध धर्म ढाई हजार साल पहले का है। देश में आपसी फूट की जो परंपरा शुरू हुई है, वह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि बौद्ध मठों का भी सर्वेक्षण करके उन्हें बौद्ध समाज को वापस करना चाहिए। अगर सही फैसला होता तो वहां पर बौद्ध मठ होता।
फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष ने एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के गुरूवार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है।
मस्जिद समिति ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए विशेष अनुमति याचिका दायर की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने वाला है, जिसमें हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर मुकदमे की रखरखाव को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ASI ज्ञानवापी परिसर में सर्वे करेगा।