हरारे: जिम्बाब्वे सरकार ने देश में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों की संख्या पर चिंता व्यक्त की है। सरकार ने टीका नहीं लगवाने वाले लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से रोकने के लिए योजना बनाई है।
सूचना मंत्री मोनिका मुतस्वांगवा ने मंगलवार को कैबिनेट के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा, बीते दो हफ्तों के दौरान कोरोनावायरस के मामले बढ़ने के कारण कैबिनेट चिंता में हैं।
इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि टीकाकरण दर को बढ़ाया जाएगा और वायरस को फैलने से रोकने क् लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में कोरोना के दैनिक मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जो 28 नवंबर को 40 से बढ़कर सोमवार को 2,555 हो गई है।
मुत्स्वंगवा ने कहा कि सरकार मुख्य इंट्रा और इंटर-सिटी बस टर्मिनलों पर वैकेसीनेशन कैंप की स्थापना करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, वे बोडिर्ंग से पहले स्वेच्छा से टीके के शॉट प्राप्त करें।
जिनके पास वैध टीकाकरण कार्ड नहीं है, उन्हें सार्वजनिक परिवहन उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय स्कूलों में 16-17 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण पर सहयोग करना जारी रखेंगे।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि सोमवार तक, देश में कोरोना संक्रमितों के 141,601 मामले सामने आए हैं और 128,966 लोगो रिकवर हुए हैं जबकि 4,713 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना की कुल 3,882,255 लोगों ने अपनी पहली खुराक ली है और 2,892,366 लोगों ने अपनी दूसरी खुराक ली है। जिम्बाब्वे का लक्ष्य साल के अंत तक 60 प्रतिशत आबादी को टीका लगाना है।
देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता चलने के बाद से सरकार ने घोषणा की है कि सभी लौटने वाले निवासियों और पर्याटकों को अपने खुद के खर्च पर पीसीआर टेस्ट कराना होगा और कवारंटीन में रहना होगा।
रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू के घंटे बढ़ा दिए गए हैं। शराब की दुकानों पर शराब का सेवन नहीं किया जाएगा जबकि नाइट क्लब और बार में केवल टीकाकरण वाले ग्राहकों को ही प्रवेश दिया जाएगा।