Harsha Richhariya: महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) में वायरल हुईं ‘सुंदर साध्वी’ हर्षा रिछारिया को लेकर एक नई और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) अब महाकुंभ छोड़ने का मन बना चुकी हैं।
उन्होंने इसका कारण कुछ संतों, मीडिया चैनलों और ट्रोलर्स को बताया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में हर्षा रिछारिया फूट-फूट कर रो रही हैं और कह रही हैं, “शर्म आनी चाहिए उन लोगों को, जो एक लड़की को, जो धर्म को जानने के लिए महाकुंभ आई थी, यहां रुकने का मौका भी नहीं दे रहे।”
हर्षा ने आरोप लगाया कि कुछ लोग उन्हें कुंभ से बाहर करने के लिए जिम्मेदार हैं, जिससे उनका आध्यात्मिक अनुभव बर्बाद हो गया। वह यह भी कह रही हैं कि महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को जानने का एक अद्भुत अवसर उनके हाथ से छीन लिया गया है। हर्षा ने वीडियो में कहा कि जिन लोगों ने ऐसा किया है, उन्हें पाप लगेगा।
इसके अलावा, हर्षा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके गुरु को भी इस विवाद में निशाना बनाया जा रहा है, जिससे वह काफी आहत हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपने गुरु की बेइज्जती नहीं सहन कर सकती।”
गौरतलब है कि जब से हर्षा रिछारिया का Video Viral हुआ था, जिसमें वह संतों के रथ पर बैठी नजर आ रही थीं, तब से वह विवादों में घिर गई थीं।
उत्तराखंड की हर्षा रिछारिया महाकुंभ में बनीं ‘सुंदर साध्वी’, सोशल मीडिया पर मचाई हलचल
उत्तराखंड की 30 साल की मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ 2025 में अपनी विशेष उपस्थिति से सबका ध्यान खींचा।
मूल रूप से मध्य प्रदेश की रहने वाली हर्षा ने महाकुंभ में पारंपरिक गेरूए रंग की पोशाक, रुद्राक्ष की माला और माथे पर तिलक लगा कर एंट्री की थी, जो उन्हें एक आकर्षक और धार्मिक छवि में प्रस्तुत कर रहा था।
उनकी उपस्थिति ने न केवल वहां उपस्थित श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, बल्कि सोशल मीडिया यूजर्स के बीच भी हर्षा रिछारिया एक वायरल स्टार बन गईं।
महाकुंभ में उनका रूप, उनका साध्वी जैसा लुक और उनके साथ जुड़े धार्मिक विचार सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगे। उन्हें “सुंदर साध्वी” और “वायरल साध्वी” जैसे टाइटल्स से नवाजा गया।
हर्षा की फोटोज और वीडियो Social Media पर धूम मचाने लगे और देखते ही देखते वह प्रयागराज महाकुंभ में एक युवा, आकर्षक साध्वी के रूप में चर्चाओं का केंद्र बन गईं। उनकी यह उपस्थिति महाकुंभ में एक नये रंग और पहचान का प्रतीक बन गई, जिसे हर जगह चर्चा का विषय बनाया गया।