नई दिल्ली/रांची: राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक स्थायीकरण, वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पारा शिक्षकों का अगले चरण में 10 फरवरी को सीएम आवास घेराव का कार्यक्रम है।
एक ओर जहां इसकी तेजी से तैयारी चल रही है वहीं, दूसरी ओर वेतनमान और सेवा स्थायीकरण के तोहफे के इंतज़ार में हैं। साथ ही इधर नई शिक्षा नीति भी लागू होनी है।
इसी को लेकर शिक्षा मंत्रालय के शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नई शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन की समीक्षा की।
बता दें की केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने नई शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन में समन्वय के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का निर्देश दिया है।
यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गईं बैठकों में झारखंड सरकार ने यह मांग रखी है की पारा शिक्षकों के वेतनमान पर आनेवाला पूरा खर्च केंद्र सरकार दे।
अगर केंद्र ने ये खर्च नहीं दिया तो नई शिक्षा नीती लागू होने में दिक्कत हो सकती है और शायद ये लागू न भी हो सके। बता दें कि झारखंड में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद पारा शिक्षकों का पद स्वत: समाप्त हो जाएगा।
इसको देखते हुए झारखंड की सरकार ने पारा शिक्षकों के वेतनमान पर आनेवाले पूरा खर्चा केंद्र सरकार से मांगी है। नई शिक्षा नीति पर 3 फरवरी को शिक्षा सचिव राहुल शर्मा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसमें एक्शन प्वाइंट पर चर्चा की जाएगी।
झारखंड में अभी पारा शिक्षकों के मानदेय पर 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार खर्च करती है।
हालांकि ये भी बताया गया है कि राज्य सरकार ने नई शिक्षा नीति को नहीं लागू करने के लिए यह मामला केंद्र सरकार के पाले में डाला है।
अब अगर केंद्र इस पर राजी हुई तो नई शिक्षा नीति झारखंड में लागू होगी, नहीं तो पेंच फंस जाएगा। हालांकि, राज्य सरकार का तर्क यह है कि नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उसे करीब 60 हजार शिक्षकों की बहाली करनी पड़ेगी, जिनके वेतनमान पर सालाना करीब 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
इसलिए, इतनी बड़ी रकम अकेले वहन करना उसके वश में नहीं है। पहले से ही उसके पास टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान देने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
साथ ही नई शिक्षा नीति लागू होती है तो सारे सरकारी और एक समान वेतनमान पानेवाले शिक्षक हो जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा देशभर में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में की गईं बैठक में ये मांग की गई है।
शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने कहा- सरकार वर्चुअल विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आवश्यक कदम उठाएगी
शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने बताया कि सरकार जल्द ही वर्चुअल विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आवश्यक कदम उठाएगी, जो मुक्त विश्वविद्यालयों की अवधारणा से अलग हैं।
यह एनईपी में उल्लेखित उच्च शिक्षा में वांछित जीईआर प्राप्त करने में मदद करेगा। पोखरियाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ) को यूजीसी और एआईसीटीई में वरीयता दी जानी चाहिए और इसे तुरंत काम शुरू करना चाहिए।
वेतनमान लागू होने के 12 साल के बाद उनके ग्रेड पे में भी बढ़ोतरी होगी
पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली और वेतनमान को कैबिनेट की मंजूरी मिलने से राज्य में करीब 11000 टीईटी पास पारा शिक्षकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। अन्य पारा शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी।
इसका आयोजन वेतनमान मिलने के दो से तीन महीने के अंदर होगा। पहली से पांचवी के पारा शिक्षकों को निर्धारित वेतनमान के साथ 2000 का ग्रेड पे मिलेगा, वहीं छठी से आठवीं के पारा शिक्षकों को 2400 का ग्रेड पे मिलेगा।
वेतनमान लागू होने के 12 साल के बाद उनके ग्रेड पे में भी बढ़ोतरी होगी और इसे बढ़ाकर 2400 व 2800 किया जाएगा। इस दौरान सरकारी शिक्षकों की तरह वार्षिक वृद्धि समेत अन्य भत्ता का भी लाभ दिया जाएगा।
छठी से आठवीं में पढ़ाने वाले पारा शिक्षकों के लिए दो पाली में परीक्षा होगी
5200-20200 का वेतनमान को उच्चस्तरीय कमेटी ने सहमति प्रदान की थी। इसमें उन्हें 2000 से 2400 का ग्रेड पे मिलेगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को जहां सीधे वेतनमान का लाभ मिल सकेगा।
वहीं बाकी पारा शिक्षकों को इसके लिए परीक्षा देनी होगी। पारा शिक्षकों को तीन बार वेतनमान के लिए परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इसमें पास करने पर उन्हें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
अगर पास नहीं करते हैं, तो उन्हें सेवा से नहीं हटाया जाएगा और अभी की भांति मानदेय का ही भुगतान होगा।
पहली से पांचवी क्लास के पारा शिक्षकों के लिए एक पेपर की परीक्षा होगी, जबकि छठी से आठवीं में पढ़ाने वाले पारा शिक्षकों के लिए दो पाली में परीक्षा होगी।
हालांकि अपनी मांगें मनवाने के लिए पारा शिक्षकों ने अब राजधानी में सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराने का मन बना लिया है। यहां राज्य परियोजना कार्यालय के घेराव और मुख्यमंत्री आवास घेराव की तैयारी है।
कई वादे कर हेमंत सोरेन सरकार सत्ता में आई
बता दें की साल 2019 के विधानसभा चुनाव में संविदा और अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण का मुद्दा हर किसी के जुबां पर था।
खास कर हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली गठबंधन की बात करे तो सरकार गठन के बाद इनके स्थायीकरण की घोषणा भी की गई थी। कई वादे कर हेमंत सोरेन सरकार सत्ता में आई।
लेकिन 13 माह बिताने के बाद भी सरकार इस दिशा में पहल नहीं कर रही। ऐसे में अपने ही वादे के जाल में सरकार उलझती नजर आ रही है।
आज जब एक के बाद एक संविदा और अनुबंधकर्मी राज्य सरकार को घेरने में लगे हैं, तब मुख्य विपक्षी दल बीजेपी को भी मौका मिल गया है।
हर साल 5 लाख बेरोजगारों को रोजगार देने से लेकर अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण के सवाल पर बीजेपी हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है।
पार्टी का कहना है कि सिर्फ सत्ता में आने के लिये जेएमएम ने इस झूठ का सहारा लिया और आज अपने वायदे से भाग रही है।