हजारीबाग : बरही प्रखंड के दुलमाहा पंचायत भवन (Dulmaha Panchayat Bhawan) के बगल में लगभग 70 घर हरिजन परिवार (Harijan family) के लोग निवास करते हैं।
सभी लोग गरीब परिवार से हैं। सभी लोग अपने परिवार के भरण पोषण (Maintenance) करने के लिए प्रदेश जा कर मजदूरी करते हैं या तो अगल बगल के क्षेत्रों में काम कर अपने परिवार एवं बाल बच्चों के परवरीश चलाते हैं।
हरिजन मुहल्ले में पानी पीने के किसी को अपना कुआं या चापानल नही है। पानी पीने के लिए सभी सरकारी चापनलों पर आश्रित रहते हैं।
अगर चापानल खराब हो जाता है तो पीने के लिए पानी दूर से लाना पड़ता है। सरकार के नल जल योजना (Tap Water Scheme) के तहत जो चापानल ठीक था उसे खोल कर जलमीनार बना कर पानी टंकी लगाया गया है।
हरिजन मुहल्ले में जल नल योजना के तहत चार जल मीनार लगाया गया है,परन्तु कुछ दिनों के बाद सभी जलमीनार ख़राब हो गया जिसके कारण लोगों को पानी पीने में काफी दिक्कत हो रहा है।
कई जलमीनार से मशीन चोरी कर लिया गया है। वर्तमान में गुल्ली भुईयां, शिवशंकर भुईयां, पंचायत भवन के पीछे, एवं गोरवा देवी घर के पास लगा जलमीनार (water tower) बिल्कुल खराब पड़ा है।
इसमें चापानल भी नहीं जिसे प्रयोग किया जाता। लोगों को पानी पीने में काफी परेशानी हो रहा है। सरकार के महत्वकांक्षी नल जल योजना पूरी तरह से फेल है।
ठंड के दिनों में बडे बुढ़े बच्चे सभी को तालाब में नहाना पड रहा है
सरकार घर घर पानी देने का वादा करती है पर लोगों को चापानल से भी स्वच्छ पानी का नसीब नहीं होता है। पंचायत भवन के पीछे बना जलमीनार के मशीन चोरी हो जाने से लोगों को पानी पीने में काफी दिक्कत हो रही है।
स्थानीय ग्रामीणों जगु भुईयां, जीतेंद्र भुईयां, मिथुन भुईयां,सुदामा देवी,द्वरीका भुईयां भानु भुईयां, इत्यादि लोगों ने बताया कि जलमीनार ख़राब होने से हमलोगों को पानी पीने में काफी दिक्कत हो रहा है।
चापानल भी नहीं है जिसे पानी पीने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। ठंड के दिनों में बडे बुढ़े बच्चे सभी को तालाब में नहाना पड रहा है।
इन लोगों का कहना है कि चुनाव के वक्त सांसद विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि आते हैं और तरह तरह के प्रलोभन या वादा कर वोट लेकर चले जाते हैं और चुनाव जीतने के बाद कोई देखने तक नहीं आते हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधि (Local Public Representative) को इस समस्या के बारे में कई बार बनाने का गुहार लगाया पर किसी को इस ओर ध्यान नहीं है। हमलोग गरीब हैं,कोई हमारी समस्या को दूर करने बारे में नहीं पहल कर रहे हैं।