हजारीबाग: हजारीबाग पुलिस ने भ्रामक वीडियो, अफवाह और विद्वेष पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसके तहत 15 लोगों को चिन्हित करते हुए नोटिस भेजा गया है। इन सभी लोगों से जवाब मांगा गया है।
एसपी मनोज रतन चौथे ने कहा कि भ्रामक वीडियो पोस्ट कर समाज को बांटने की कोशिश वाले लोग कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
पुलिस ने अब तक की जांच में भ्रामक जानकारी साझा करने के आरोप में 15 लोगों को चिन्हित किया है।
इसमें अरशद आलम, मोहम्मद इकराम कुरैशी, नूरा निवासी निखिल कुमार, विजय प्रसाद, सुमन कुमार, रोहित कुमार, आदित्य कुमार ,बबलू कुमार ,मनीष कुमार, कूद निवासी मोहन कुमार, योगेंद्र कुमार , सिंघानी निवासी संजय यादव ,बड़का गांव निवासी अनिल कुमार, पेलावल निवासी मोहम्मद इश्तियाक व जुलू जुल्फी शामिल हैं। इसके अलावा और भी कई लोग चिन्हित किए गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।
हजारीबाग पुलिस ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अफवाह नहीं फैलाएं।
अफवाह फैलाने वाले व्यक्तियों की सूचना पुलिस को दें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। चेतावनी दी गई है कि कई पुराने तथा एडिट किए हुए वीडियो को हजारीबाग के बरही का बता कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। ऐसे वीडियो को पोस्ट करने वाले लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है।
एसपी ने कहा है कि ऐसे असामाजिक कृत्य करने वाले लोगों की सूचना जनता को समय रहते पुलिस पदाधिकारी के साथ साझा करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि हजारीबाग के बरही में मां सरस्वती की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान दो गुटों के बीच मारपीट हो गई थी। इसमें एक युवक की मौत हो गई थी।
कुछ लोग इस मुद्दे को भड़का कर जिले का माहौल खराब करने की साजिश कर रहे थे। गलत जानकारियां साझा करने के लिए सोशल मीडिया के अलग-अलग माध्यम का इस्तेमाल किया जा रहा था।
इस पर प्रभावी कदम उठाने के लिए जिले में इंटरनेट की सेवाएं कुछ समय के लिए रोक दी गई थीं। इस कारण हालात जल्द ही काबू में आ गए।